Hindi, asked by parthsehgal57230, 7 months ago

बचेंद्री पाल के जीवन में 'मन के हारे हार है, मन के जीते जीत' कैसे सार्थक है?

Answers

Answered by kapilkumar48
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Answer:

आसा इसलिए अगर आप यह सोचे की ये मुझसे नहीं होगा तो वो आपसे कभी होगा ही नहीं ,अगर आप यह सोच कर काम करे की या मा जरूर करूंगा तो कभी ना कभी आपको उस काम मा सफलता मिलेगी

इसलिए कहते है ,"मन के हरे हार है,मन के जीते जीत "

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