बचेंद्री पाल के जीवन में 'मन के हारे हार है, मन के जीते जीत' कैसे सार्थक है?
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आसा इसलिए अगर आप यह सोचे की ये मुझसे नहीं होगा तो वो आपसे कभी होगा ही नहीं ,अगर आप यह सोच कर काम करे की या मा जरूर करूंगा तो कभी ना कभी आपको उस काम मा सफलता मिलेगी
इसलिए कहते है ,"मन के हरे हार है,मन के जीते जीत "
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