Hindi, asked by snehapampackal, 3 months ago

बचपन की शरारतें मनभावन होती हैं, 'सूरदास
के पद के अदि आधार पर इस कथन को
स्पष्ट कीजिए​

Answers

Answered by kajalshrivastava0854
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Answer:

वे अपने बालपन में माखन चुराने जाते थे जबकि उनके घर में माखन की कोई कमी नहीं थी। लेकिन उनका यही नटखटपन माता यशोदा को, गोपियों को सबको बहुत भाता था। कभी उनकी चोटी न बढ़ने की शिकायत होती तो कभी बलदाऊ द्वारा तंग करने की। इन बालसुलभ चंचलता और शरारतों को देखकर ही यह कथन कहा जा सकता है कि बालपन की शरारतें मनभावन होती हैं।

Answered by sumandeepkaur199
1

सूरदास जी कहते हैं की बचपन की शरारते मनभावन होती हैं

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