Science, asked by sanchitasaikia7, 7 months ago

बचपन की यादों में को गुदगुदाने वाली होती है विशेषकर स्कूली दिनों की अपने आप तक की स्कूली जीवन की छुट्टी मीठी यादों को लिखिए​

Answers

Answered by altamas006886
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Answer:

बचपन की और विशेषकर स्कूली जीवन की खट्टी-मीठी यादें मन को गुदगुदाती रहती हैं। ये यादें सभी की निजी होती हैं। मेरी भी कुछ ऐसी यादें मेरे साथ हैं। मैं जब नवीं कक्षा में पढ़ती थी मेरी माँ किसी कारणवश बाहर गई थीं। इसलिए मैं बिना गृहकार्य किए और बिना लंच लिए स्कूल पहुँची। पहले तो अध्यापिका से खूब डॉट पड़ी, फिर आधी छुट्टी में मुझे अध्यापिका ने खिड़की के पास खड़ा पाया तो डॉट लगा दी। अगले पीरियड में मुझे बहुत बेचैनी हुई कि अध्यापिका मेरे बारे में क्या सोच रही होंगी, मैं अध्यापिका कक्ष में उनसे मिलने गई। उन्हें देखते ही मेरा रोना छूट गया। उन्होंने रोने का कारण पूछा तो मैंने रोते-रोते उन्हें कारण बताया कि मेरी माता जी घर पर नहीं हैं। उन्होंने मुझे सांत्वना दी फिर मुझे अपने डिब्बे से खाना खिलाया। आज भी मैं इस घटना को याद करती हूँ तो अध्यापिका के प्रति भाव-विभोर हो उthta hoo

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