बचपन खिलौने मां चांद तारे पर्याप्त यार घर खेल दोस्त कपड़े से बनाकर एक कविता लिखिए
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Answer: बचपन खिलौने मां चांद तारे पर्याप्त यार घर खेल दोस्त कपड़े से बनाकर एक कविता प्रस्तुत है :-
बचपन की बातें सुन- सुन प्यारी यादों को बुनना | |
मां की गोद में लोरी सुनना चांद तारों के लिए मचलना
खेल खिलौने खाना गाना साथी-संगी संग रूठना
मित्रों के फिर स्वांग देखकर पल में हंसना और रिझना ।
बचपन की बातें सुन- सुन प्यारी यादों को बुनना | |
थकने पर घर - घर खेलना इसमें कपड़े बहुत पहनना
सारे संगी दोस्त बनाना यारों की गलबहियां करना
कोई नया जब आ जाए अपना लेना सखा बनाना ।
बचपन की बातें सुन- सुन प्यारी यादों को बुनना | |
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