बचपन में बेध्यानी अथवा खुद को डाँट-डपट से बचाने के लिए बोला गया झूठ क्या क्षमा योग्य
होता है? आपके क्या विचार हैं? कारण और उदाहरणों द्वारा पुष्ट कीजिए।
Answers
प्रश्न: बचपन में बेध्यानी अथवा खुद को डाँट-डपट से बचाने के लिए बोला गया झूठ क्या क्षमा योग्य होता है?
उत्तर : हम ये जानते है की झूठ बोलने के बाद, हमे उस झूठ से बचने के लिए कई झूठ बोलने पड़ते हैं। झूठ बोलने से अच्छा हमे अपनी गलती मान लेनी चाहिए। हमारी गलती क्षमा योग होगी तो हमे क्षमा मिल जायेगी। क्षमा करने वाले व्यक्ति, आप सत्यवादी होनेके कारण आप पर भरोसा कर सकेंगे।
झूठ के दुष्परिणाम :
- एक झूठ के बाद हम अनेकों झूठ बोलने पड़ेंगे।
- हमे झूठ बोलने की आदत लग जायेगी।
- लोगों को झूठ पता चलने पर, आगेसे आप पर कोई विश्वास नहीं करेगा।
उदाहरण :
आप एक विक्रेता है, और आपने ४० रुपए के आम ६० रूपए किसी ग्राहक को बेचे।उन ग्राहक को पता चलने पर वो अगली बार आपसे कोई वस्तु खरीदी नही करेगा या ग्राहक आपके खिलाप पुलिस में शिकायत कर सकता है।
इसलिए झूठ बोलने से बचे, झूठ बोला हो तो उसका स्वीकार करे, डांट से बचने के लिए झूठ नही बोले, अपनी गलती पर क्षमा की याचना करें।
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