'बचपन’ पाठ में आए सभी मुहावरे छाँटकर, उनके अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करें |
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- मैं तुम्हारी दादी भी हो सकती हूँ, तुम्हारी नानी भी।
- बचपन में हमें अपने मोज़े खुद ही धोने पड़ते थे।
- हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगाते।
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'बचपन’ पाठ में आए सभी मुहावरे छाँटकर
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हौसला पस्त करना - उत्साह नष्ट करना। वाक्य - अनिल कुंबले की फिरकी गेंदों ने श्रीलंका के खिलाड़ियों के हौसले पस्त कर दिए।
ठोकर मारना - चोट करना।
वाक्य - प्रेमचंद ने राह के संकटों पर खूब ठोकरें मारी ।
टीला खड़ा होना - बाधाएँ आना।।
वाक्य – जीवन जीना सरल नहीं है। यहाँ पग-पग पर टीले खड़े हैं।
• पहाड़ फोड़ना - बाधाएँ नष्ट करना।
वाक्य – प्रेमचंद उन संघर्षशील लेखकों में से थे जिन्होंने पहाड़ फोड़ना सीखा था, बचना नहीं।
जंजीर होना - बंधन होना।
वाक्य - स्वतंत्रता से जीने वाले पथ की सब जंजीरें तोड़कर आगे बढ़ते हैं।
'बचपन’ पाठ में आए सभी मुहावरे छाँटकर, उनके अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करें |
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पाठ में आये मुहावरे पहचानिए और और अर्थ लिखाकर वाक्य प्रयोग कीजिए|
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