बढो नया कमाल हो का अर्थ स्पष्ट कीजिए
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➲ ‘सोहनलाल द्विवेदी’ द्वारा रचित कविता ‘बढ़े चलो बढ़े चलो’ की इन पंक्तियों का भावार्थ यह है...
बढो नया कमाल हो...
अर्थ : कवि कहता है कि तुम कुछ ऐसा करो कि वह दूसरों के लिए एक उदाहरण बन जाये। स्वयं को संघर्षों की आग में कुछ ऐसा तपाओ कि लोग उससे प्रेरणा लें। जीवन में आगे बढ़ते हुए निरंतर ऐसा कार्य करते जाओ जो कोई अनोखी बात हो। कवि इन पंक्तियों के माध्यम से कुछ विशेष करने की प्रेरणा दे रहा है।
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