बढती हुई जनसंख्या पर निबंध | Write an essay on Increasing Population
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“बढाती जनसंख्या:- घटते संसाधन”
भूमिका:->जिस रफ्तार से हिंदुस्तान की जनसंख्या बढ़ रही है आज एक चिंता का विषय बन गया है । अगर समय रहते जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण ना किया गया तो इसके भविष्य में दूरगामी दुष्प्रभाव होंगे। आज भारत की जनसंख्या 125 करोड़ से भी अधिक है। हमारी जनसंख्या वृद्धि दर 2.11 है। आबादी की दृष्टि से पूरे विश्व में भारत दूसरे स्थान पर है। प्रथम स्थान पर चीन है I लेकिन वह दिन दूर नहीं जब भारत चीन से भी आगे निकल जाएगा। आज सभी बुद्धिजीवियों, बड़ी बड़ी राजनीतिक पार्टियों को इस विषय पर चिंतन जरूर करना चाहिए।
जनसंख्या बढ़ने के कारण:-> जनसंख्या वृद्धि के बहुत से कारण है I एक मुख्य कारण है विवाह की अनिवार्यता और शीघ्र विवाह का होना I अधिकांश लड़के 25 से पहले और लड़कियां 18 के आसपास की शादी कर लेते हैं, अनपढ़ और अज्ञानता के कारण यह मान लेना कि बच्चे ईश्वर की देन है और जितने भी बच्चे हो जाएं सब भाग्य में होते हैं। दूसरा कारण एक से अधिक विवाह करने का है , जिसके कारण भी जनसंख्या में वृद्धि होती है।
संसाधनों में होती कमी:-> आज इस स्थान पर चले जाओ चाहे रेलवे स्टेशन हो, बस स्टैंड हो, बैंक हो चाहे कोर्ट हो हर जगह लाइन में लगना पड़ता है ।इ सका मुख्य कारण जनसंख्या का बढ़ना है और संसाधनों की कमी होना है। आने वाले समय में तो पीने के पानी खत्म हो जाएगा घर बनाने के लिए जगह नहीं रहेगी सारे जंगल नष्ट हो जाएंगे और इस धरती का पूरा संतुलन बिगड़ जाएगा।
जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपाय:-> जनसंख्या वृद्धि को रोकना राष्ट्रहित में है और इसके लिए राष्ट्रीय नीति बननी चाहिए I छोटे परिवारों को प्रोत्साहन करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए I अधिक संतान वाले लोगों को नौकरी से वंचित किया जाना चाहिए तथा राजनैतिक गतिविधियों में भी रोक लगनी चाहिए। परिवार नियोजन को राष्ट्रीय कार्यक्रम का दर्जा देना चाहिए। जनसंख्या रोकने के लिए आज आधुनिक संचार माध्यमों का भी प्रयोग किया जाना चाहिए।
उपसंहार:-> राष्ट्र का हर व्यक्ति शिक्षित हो तथा उसे यह ज्ञान हो की जनसंख्या वृद्धि देश हित में नहीं, बल्कि देश को विनाश के कगार की ओर ले जाएगी।
"बढ़ती हुई जनसंख्या"
*भूमिका* : स्वतंत्र भारत में अनेक प्रकार की आर्थिक-सामाजिक समस्याएँ विद्यमान हैं। इन समस्याओं में बढतीजनसंख्या-एक गंभीर समस्या है। भारत जनसंख्या की दृष्टि से चीन के बाद दूसरा देश है। सन् 2000 में यह सौ करोड़ के आँकड़े को भी पार कर गई थी। यदि यह इसी गति से बढ़ती गई, तो एक दिन चीन को भी पीछे छोड़ देगी।
*जनसंख्या वृद्धि के कारण* : भारत में जनसंख्या वृद्धि अनेक कारण हैं। इनमें सबसे प्रमुख है भारतीयों की धार्मिक भावनाएँ, अंधविश्वास तथा अशिक्षा। भारत की अधिकांश जनसंख्या गाँवों में रहती हैं। गाँवों में रहने वाले लोग अंधविश्वासी, अशिक्षित तथा धार्मिक मान्यताओं को मानने वाले होते हैं। वे संतान को ईश्वर का दिया हुआ वरदान मानते हैं।परिवार नियोजन के साधनों को धर्म विरोधी तथा अनैतिक बताते हैं। इसीलिए गाँवों में जनसंख्या का विस्तार तेजी से हुआहै और हो रहा है। भारतीयों के अनुसार वंश-वृद्धि तथा पितृ-ऋण से उकण होने के लिए परिवार में कम से कम एक पुत्र का होना अनिवार्य है। यही पुत्र अपने पिता का पिंडदान तथा श्राद्ध-कर्म करके उसकी सद्गति का कारण बनता है। इसलिए जब तक पुत्र की प्राप्ति नहीं हो जाती, तब तक लड़कियों की संख्या में वृद्धि होने पर भी संतान उत्पत्ति जारी रहती है।
भारत में जनसंख्या की वृद्धि का अन्य कारण है - भारत की गर्म जलवायु । इस जलवायु के कारण लड़कियाँ जल्दी जवान हो जाती है और संतान उत्पत्ति भी जल्दी शुरू हो जाती है । जनसंख्या की वृद्धि के लिए बाल-विवाह भी कम उत्तरदायी नहीं है। यद्यपि देश में कानून के अनुसार 21 वर्ष के कम की आयु के युवक और 18 वर्ष से कम की आयु की युवती का विवाह गैर कानूनी है, पर इस कानून को कड़ाई से लागू नहीं किया गया है। परिणामतः गाँवों में 15-16 वर्ष की लड़की का ही विवाह कर दिया जाता है जिसके कारण वह अल्पायु में ही मातृत्व के बोझ से दब जाती है। जनसंख्या की बढ़ोत्तरी का एक अन्य कारण भी है - देश में मृत्यु दर में कमी आना। वर्तमान युग में चिकित्सा की सुविधाओं के प्रसार से मृत्यु दर में कमी आई है इसलिए इसका प्रभाव जनसंख्या पर भी पड़ा है।
*जनसंख्या की वृद्धि से उत्पन्न समस्याएँ* : जनसंख्या की वृद्धि के अनेक दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। इसी के प्रभाव से बेकारी की समस्या बढ़ रही है। बेकारी की समस्या के बढ़ने के कारण इससे संबंधित अनेक प्रकार की अन्य समस्याएँ जैसे- अपराध, भ्रष्टाचार, गरीबी, जीवन स्तर में कमी, कुपोषण आदि की समस्याएँ भी उपस्थित हो गई हैं। जनसंख्या की अधिकता के कारण गाँवों से लोगों का पलायन शहरों की ओर हो रहा है । आज महानगरों में बढ़ती हुईजनसंख्या के लिए आवास योग्य भूमि का इतना अभाव हो गया है कि लोगों को झुग्गी-झोपड़ियों, स्लम आदि में रहने को विवश होना पड़ रहा है। यद्यपि भारत के औद्योगिक क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है, परंतु जनसंख्या की निरंतर वृद्धि के कारण यह प्रयोग बहुत कम लगती है। बेरोजगारी को बढ़ाने में सर्वाधिक योगदान जनसंख्या की वृद्धि का ही है। बेरोजगार
युवकों में से अधिकांश अपराध की ओर प्रवृत्त हो जाते हैं। जिससे देश में शांति और व्यवस्था भंग हो जाती है।
*नियंत्रण के सुझाव* : जनसंख्या की वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए, गाँवों के लोगों में जागृति लाना परमावश्यक है। उन्हें परिवार नियोजन के लिए प्रोत्साहित किया जाना अनिवार्य है। इसके लिए कन्याओं को शिक्षित किया जाना जरूरी है। शिक्षित युवतियाँ इस दिशा में बहुत कुछ कर सकती हैं। परिवार को सीमित रखने के लिए विवाह कानून भी कठोरता से लागू किया जाना चाहिए। शिक्षित युवक-युवतियाँ इस संबंध में अपना योगदान दे सकते हैं। इसलिए शिक्षा का प्रचार प्रसार बहुत आवश्यक हो गया है। परिवार नियोजन कार्यक्रम केवल कागजी बनकर रह गया है तथा इसका प्रचार शहरों में ही अधिक देखा जाता है। जब तक इसे ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यंत सुनियोजित ढंग से नहीं चलाया जाएगा, तब तक जनसंख्या की वृद्धि पर नियंत्रण पाना कठिन होगा।