Beni Madhav Singh Ke Parivar Ka Sanchtipt Parichay Dijiye
Answers
‘बड़े घर की बेटी’ कहानी के लेखक ‘मुंशी प्रेमचंद’ हैं।
‘बेनी माधव सिंह’ इस कहानी के प्रमुख पात्रों में से एक थे। ‘बेनी माधव सिंह’ के परिवार में कुल चार सदस्य थे। उनके परिवार का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है...
बेनी माधव सिंह — बेनी माधव सिंह गौरीपुर गाँव के जमींदार थे। किसी समय में उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी थी परन्तु बाद में उनकी आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गयी।
श्रीकंठ सिंह — श्रीकंठ बेनी माधव सिंह के बड़े बेटे का नाम था। जो कि बीए पास था और एक दफ्तर में बाबू की नौकरी करता था।
लालबिहारी सिंह — लालबिहारी बेनी माधव के छोटे बेटे का नाम था। जो कि एक गबरू जवान था और कोई काम नही करता था।
आनंदी — आनंदी बेनीमाधव सिंह के बड़े बेटे श्रीकंठ की पत्नी थी। उसके पिता भूपसिंह किसी रियासत के ताल्लुकेदार थे। आनंदी ‘बड़े घर की बेटी’ कहानी की सबसे मुख्य पात्र थी।
Explanation:
प्रस्तुत कहानी ‘बड़े घर की बेटी’ जिसके लेखक प्रेमचंद हैं। बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गाँव का जमींदार था। उसके पिता किसी समय बड़े धन धान्य सम्पन्न थे। गाँव में भव्य मंदिर एवं पक्का तालाब बनवाया था जिसकी अब मरम्मत भी मुश्किल थी, कहा जाता है कि कभी उनके दरवाजे पर हाथी झूमता था, आज वहाँ बूढ़ी भैंस थी। उनकी वर्तमान आय एक हजार रुपये वार्षिक से अधिक न थी, आधी से अधिक संपत्ति वकीलों को भेंट कर चुके थे। इनके दो पुत्र थे। बड़े बेटे का नाम श्रीकंठ, छोटे बेटे का नाम लालबिहारी सिंह था। श्रीकंठ अध्ययनशील और मेहनती लड़का था। उसने बी.ए. की डिग्री प्राप्त कर, शहर में नौकरी में लग गया था, साथ ही उसे आयुर्वेद औषधियों में अत्यधिक रूचि भी थी। वह भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता से प्रेरित था जिसके कारण उसका गाँव में बड़ा सम्मान था। लालबिहारी सिंह दोहरे बदन का नौजवान था जो अपने बड़े भाई की तुलना में अधिक रौबीला एवं स्वस्थ था। वह खूब खाता पीता और मस्ती में व्यस्त रहता था। बड़े बेटे की शादी आनंदी से हुई जो एक सुशील, सम्पन्न परिवार की लड़की थी। छोटे बेटे का विवाह एक साधारण जमींदार की लड़की के साथ हुआ।Read more on Sarthaks.com - https://www.sarthaks.com/609002/