best essay on summer season in hindi
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ग्रीष्म ऋतु अपने नाम के अनुसार गर्म व तपन से भरी मानी जाती है। पोखर व तालाब इत्यादि सूखने लगते हैं। अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण ही इसे ग्रीष्म नाम दिया गया है। ग्रीष्म ऋतु में सभी प्राणी गर्मी की मार से बेहाल हो जाते हैं। लू के थपेड़ों से जीना मुश्किल होने लगता है। हजारों लोगों की मृत्यु प्रति वर्ष भीषण गर्मी के कारण होती है। हालाँकि विज्ञान की प्रगति ने लोगों को गर्मी से बचने हेतु पंखा, कूलर एवं ए०सी० इत्यादि उपलब्ध करा दिया है, किन्तु गरीबों को यह सुविधा नहीं मिल पाती। गरीब व्यक्ति का जीवन आज भी प्रकृति की दया पर ही निर्भर है।
अत्यधिक गर्मी व तपन के कारण स्कूल एवं कॉलेज में छुट्टियाँ घोषित कर दी जाती है। कई कार्यालयों का समय परवर्तित कर प्रातःकाल से कर दिया जाता है। सड़कों में जगह-जगह शर्बत, लस्सी एवं कोल्ड-ड्रिंक के स्टाल सज जाते हैं। इस मौसम के विशेष फल 'आम' को बहुत पसंद किया जाता है। तरह-तरह की आइस-क्रीम सभी का मन लुभाती हैं।
-ध्येय
ग्रीष्म फलों की ऋतु है. फलों का राजा आम इसी ऋतु में मिलता है.
इसके अलावा लीची, जामुन, शरीफ़ा भी इसी ऋतु की दें हैं. तपती गर्मी में तरबूज का स्वाद किसे अच्छा नहीं लगता. खीरा, ककड़ी, खरबूजा ये भी ग्रीष्म ऋतु की ही उपज है, जो तपती गर्मी से लोगों को राहत देते हैं.
जो बसंत ऋतु राज और वर्षा ऋतु रानी समझते हैं, उन्हें ग्रीष्म के महतत्व को भी कम करके नहीं आँकना चाहिए. क्यूंकी ग्रीष्म ही वर्षा की पृष्ठभूमि तय्यार करती है. ग्रीष्म की ताप से तप्कर ही प्रकृति वर्षा के रूप में करुणारथ हो उठती है. अत: ग्रीष्म के ताप से अगर धरती नहीं तपेगी तो समय पर उचित मात्रा में वर्षा भी नहीं होगी और तब कहाँ बसंत और कहाँ उनकी बासन्तिक छटा . बसंत के बाद ग्रीष्म ऋतु का आगमन या संदेश होता है की मानव जीवन में सुख के पल के बाद दुख की कड़ियाँ भी आती हैं. जिन्हें मानव को खुशी से झेलना चाहिए.