best motivated poem in Hindi
Answers
मीलों दूर जाना है
अरे! मानता हूं , हो गई गलती
हो गई गलती कि कम अंक आए
हो गई गलती बस इतनी सी एक
असफलता का पहली मर्तबा स्वाद चखा
लेकिन,
लेकिन मुझसे अधिक आपलोग
भला क्यूं हो रहे हैं इतने फिक्रमंद
ज़िन्दगी में अनेकों राह हैं अभी
मंज़िल के रास्ते नहीं हुए सारे बंद
असफलता का स्वाद चखना भी
सफलता प्राप्ति के लिए है ज़रूरी
गलतियों से सीखने तो दो कभी
फिर न रहेगी कोई कसर अधूरी
इक अंगुल से भी छोटी सी चींटी
गिरती - उठती, उठती - गिरती है
फिर क्यूं एक विवेकशील मनुज को भी
गिर कर उठने से ये दुनिया रोकती है
ना कभी किसी सहारे की
ना लाठी की है इच्छा अब
बस बोल दो, हां कर सकता हूं
उस दिन कर लूंगा मुठ्ठी में सब
अरे! शेर सिर्फ घायल हुआ है
किन्तु अभी भी दहाड़ना भूला नहीं
उसके शांत - चित्त अवस्था पर ना कर शक
क्यूं की जंगल का राजा अभी मरा नहीं
अरे! अभी तो पहली दफा गिरा हूं
चोट लगी है, ना कि सांस छोड़ा हूं
चिंतित न हो, उठने तो दो फिर से
चलना नहीं, अब दौड़ना है तीर से
अरे! अभी तो मीलों डगर जाना है
अपने हितैषियों के मन - मस्तिष्क पर
आच्छादित असफलता की शंका को भी
सफलता के प्रकाश से, जागृत करवाना है
निज मन के बुझे शुष्क दीप को
पुनः जगमग कर दिखाना है
अरे! अभी तो उठकर चलना है
और दौड़कर मीलों दूर जाना है