India Languages, asked by Ranveer3806, 1 month ago

Best will get brainliest!! Bad or incorrect answers will get banned and reported !!!!!!!

Attachments:

Answers

Answered by IamaSSRFAN
2

Answer:

यह श्लोक बृहदारण्यकोपनिषद् से लिया गया है. इसका अर्थ है कि मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो. मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो. मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो.

तमसो मा ज्योतिर्गमय का शाब्दिक अर्थ है अंधकार से प्रकाश यानी कि रौशनी की तरफ बढ़ो. कई बार लोग इस श्लोक में निहित गूढ़ अर्थ के मायने समझ पाने में असमर्थ होते हैं. पौराणिक ग्रंथों में इस बात को इस तरह से विस्तार से बताया गया है कि अंधकार यानी कि बुराई और बुरी आदतों को त्यागकर प्रकाश यानी कि सत्य के पथ पर उन्मुख होना ही वास्तविक साधना और आध्यात्म है. लेकिन सांसारिकता से भरा हुआ मनुष्य अक्सर भौतिकता और भौतिक चीजों को एकत्र करने की जोड़-तोड़ में ही जीवन जुजार देता है और इस बात के वास्तविक मर्म को समझ नहीं पाता है.

विस्तार से देखा जाए तो इसका अर्थ है कि जिस तरह प्रातः सूर्य की किरणों से रात का अंधकार गायब हो जाता है. ठीक उसी तरह मनुष्य रात के अंधेरे को अपने साधनों साधनों से दूर करने में लगा है. देखा तो यह श्लोक मनुष्य को इसी बात के लिए प्रेरित करता है कि अपने अंतस में व्याप्त अंधकार से बाहर निकलकर प्रकाश के मार्ग पर चलो.

Mark it as the brainliest answer.

Similar questions