Beti bachao beti padhao by pm essay in hindi
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध
देश की बेटियों की रक्षा और उन्नति के लिये प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओनाम से एक योजना का शुभारंभ किया गया है। सामाजिक योजनाओं पर निबंध लेखन के लिये अपने स्कूल में सामान्यत: निर्दिष्ट किये गये विद्यार्थियों की मदद के लिये हम यहाँ पर ऐसे मुद्दों पर निबंध उपलब्ध करा रहें हैं। विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिये अलग-अलग शब्द सीमा तथा बेहद आसान शब्दों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर निबंध दिया गया है। बच्चों और विद्यार्थियों के लेखन कौशल को सुधारने के लिये स्कूलों में निबंध और पैराग्राफ प्रतियोगिता आयोजित की जाती है जिसमें नीचे दिये गये निबंध उनकी सहायता कर सकता है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध (बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एस्से)
Get here some essays on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi language for students in 100, 150, 200, 250, 300, and 400 words.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 1 (100 शब्द)
भारतीय समाज में छोटी बच्चियों के खिलाफ भेदभाव और लैंगिक असमानता की ओर ध्यान दिलाने के लिये बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नाम से प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक सरकारी सामाजिक योजना की शुरुआत की गयी है। हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी 2015, बुधवार को प्रधानमंत्री के द्वारा इस योजना की शुरुआत हुयी। ये योजना समाज में लड़कियों के महत्व के बारे लोगों को जागरुक करने के लिये है। कन्या भ्रूण हत्या को पूरी तरह समाप्त करने के द्वारा लड़कियों के जीवन को बचाने के लिये आम लोगों के बीच ये जागरुकता बढ़ाने का कार्य करेगी तथा इसमें एक लड़के की भाँति ही एक लड़की के जन्म पर खुशी मनाने और उसे पूरी जिम्मेदारी से शिक्षित करने के लिये कहा गया है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 2 (150 शब्द)
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ (इसका अर्थ है लड़कियों को बचाना और शिक्षित करना) योजना की शुरुआत भारतीय सरकार द्वारा 2015 के जनवरी महीने में हुई। इस योजना का मकसद भारतीय समाज में लड़कियों और महिलाओं के लिये कल्याणकारी कार्यों की कुशलता को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों के बीच जागरुकता उत्पन्न करने के लिये भी है। इस योजना के लिये 100 करोड़ की शुरुआती पूँजी की आवश्यकता थी।
इस योजना की शुरुआत की जरुरत 2001 के सेंसस के आँकड़ों के अनुसार हुई, जिसके तहत हमारे देश में 0 से 6 साल के बीच का लिंगानुपात हर 1000 लड़कों पर 927 लड़कियों का था। इसके बाद इसमें 2011 में और गिरावट देखी गयी तथा अब आँकड़ा 1000 लड़कों पर 918 लड़कियों तक पहुँच चुका था। 2012 में यूनिसेफ द्वारा पूरे विश्वभर में 195 देशों में भारत का स्थान 41वाँ था इसी वजह से भारत में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के प्रति लोगों की जागरुकता जरुरी हो गयी। ये योजना कन्या भ्रूण हत्या को जड़ से मिटाने के लिये लोगों से आह्वन भी करती है।
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