Hindi, asked by niharikab5745, 8 months ago

Beti Bachao Beti padhao Samajik a Sandesh

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Answered by ʙᴇᴀᴜᴛʏᴀɴɢᴇʟ
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Explanation:

जैसलमेर. बालिका दिवस के अवसर पर गुरुवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में बेटी बचाओ - बेटी पढाओ विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश महेश कुमार शर्मा ने की। इस अवसर पर छात्राओं की रैली का आयोजन किया गया जिसे अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश महेश कुमार शर्मा ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। शिविर में पूर्णकालिक सचिव (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) पूर्णिमा गौड, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. महेन्द्र कुमार गोयल, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी कमलकिशोर व्यास व अधिवक्ता टीकूराम गर्ग, जहांगीर मलिक व कंवराजसिंह उपस्थित थे।

प्रारंभ में बालिकाओं द्वारा बेटी बचाओ- बेटी पढाओ विषय पर ‘बेटी भार नहीं, है आधार। जीवन पर है उसका अधिकार’ कविता का पठन किया गया। पूर्णकालिक सचिव पूर्णिमा गौड ने शिविर में बालिकाओं को विधिक जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि गर्भ में पल रहे भू्रण के लिंग का आधुनिक तकनीकियों के जरिए पता लगाकर अर्थात् वह लडक़ा है या लडक़ी, चयन करना या करवाना तथा करने अथवा करवाने में सहायता करना, लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 के अन्तर्गत दंडनीय अपराध है। इसके लिए जांच करने वाले चिकित्सक को तीन वर्ष से पांच वर्ष का कारावास और 10,000 रुपए से 50,000 रूपये तक जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि बालिकाओं के संरक्षण एवं विकास में पुरूषों की भूमिका समाज में महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें भी आगे बढकर बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ मुहिम में सक्रिय भूमिका अदा करनी होगी। सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. महेन्द्र कुमार गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि बेटियों को पढाकर हम समाज को प्रगति के रास्ते पर ले जा सकते है। आज के दौर में बेटियां बेटों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। बेटियों को बराबर का दर्जा देकर ही हम विकसित राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं। बेटियों के पैदा होने पर हमें ज्यादा खुशी होनी चाहिए।

अधिवक्ता टीकूराम गर्ग ने बताया कि गर्भपात समाज में अभिशाप है। इसे दूर करना ही होगा और बेटियों को पढाना होगा जिससे एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके। अधिवक्ता कंवराजसिंह ने जानकारी देते हुुए बताया कि एक बेटी अगर पढ़ती है तो वो अपने गांव, अपने परिवार तथा अपने ससुराल तीनों को साक्षर करती है। पीसीपीएनडीटी के जिला समन्वयक डा निहाल सिंह ने बताया कि अगर आपके जानकारी में कहीं कोई लिंग परीक्षण होता है या गर्भपात की जानकारी मिलती है तो तुरंत 104 नं. पर कॉल करें और इसकी जानकारी दे। कार्यक्रम के अंत में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश महेश कुमार शर्मा ने हरी झण्डी दिखाकर छात्राओं की विशाल रैली को रवाना किया। मंच का संचालन अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी कमलकिशोर व्यास ने किया।

विद्यालय की छात्राओं के लिए दरीपट्टी आदि की व्यवस्था के लिए अधिवक्ता जहांगीर मलिक की ओर से 5100, अधिवक्ता टीकूराम गर्ग की ओर से 2100 रुपये तथा अधिवक्ता कंवराजसिंह की ओर से 2100 रूपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की गई।

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