Beti bachao beti padhao, Write an essay on this topic in HINDI.
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According to census data in India, the child gender ratio (0–6 years) in India was 931 girls per 1,000 boys in 2001, which dropped to 918[1] girls for every 1,000 boys in 2011. A 2012 UNICEF report ranked India 41st among 195 countries.[citation needed] In the Population Census of 2011 it was revealed that the population ratio of India 2011 is 919 females per 1000 of males. The Sex Ratio 2011 shows a downward trend from the census 2001 data.
Speaking on the occasion of International Day of the Girl Child in 2014, the Prime Minister, Narendra Modi had called for the eradication of female foeticide and invited suggestions from the citizens of India via the MyGov.in portal.[4]
The Beti Bachao, Beti Padhao (BBBP) [1] scheme was launched on 22 January 2015 by PM Narendra Modi.[5][6] It aims to address the issue of the declining child sex ratio image (CSR) and is a national initiative jointly run by the Ministry of Women and Child Development, the Ministry of Health and Family Welfare and the Ministry of Human Resource Development. It initially focused multi-sector action in 100 districts throughout the country where there was a low CSR.
On 26 August 2016, Olympics 2016 bronze medallist Sakshi Malik was made brand ambassador for BBBP.
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हम सभी जानते हैं कि हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है और पुरुष-प्रधान देश है। यहाँ सदियों से स्त्रियों के साथ ज्यादतियां होते आई है। जब ईश्वर होकर माता सीता इस कुप्रथा से नहीं बच पायी, फिर हम तो मामूली इंसान है, हमारी क्या औकात।
ये पुरुष-प्रधान समाज लड़कियों को जीने नहीं देना चाहता। मुझे समझ नही आता, मैं इन मर्दो की सोच पर हंसु या क्रोधित होऊं। ये जानते हुए भी कि उनका अस्तित्व भी एक महिला के कारण ही है, फिर भी ये पुरुष समाज केवल पुत्र की ही कामना करता है। और अपने इस पागल-पन में न जाने कितनी लड़कियों का जीवन नष्ट किया है।

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान’ क्या है।
देश में लगातार घटती कन्या शिशु-दर को संतुलित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी। किसी भी देश के लिए मानवीय संसाधन के रुप में स्त्री और पुरुष दोनों एक समान रुप से महत्वपूर्ण होते है।
केवल लड़का पाने की इच्छा ने देश में ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दी है, कि इस तरह के योजना को चलाने की जरुरत आन पड़ी। यह अत्यंत शर्मनाक है।