Hindi, asked by Krishnanunni459, 9 months ago

Beti beti ke sath balatkar aur hatya hone ke bad parivar ko kin kin taklif ka samna karna padta hai iska jimmedaar kaun beta aur yah kaise rukega

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Answered by bharattiwariepatrika
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बेटी के साथ दुष्कर्म होने और उसके बाद हत्या किए जाने के बाद एक परिवार को नारकीय तकलीफों का सामना करना पड़ता है। पहले तो परिवार के केलेजे को समाज के अनगिनत सवालों से छलनी किया जाता है और फिर बाद में पुलिस व कोर्ट की भद्दी दलीलों के जरिए परिवार के जख्मों पर नमक छिड़ककर उन्हें नरक के समान प्रताडि़त किया जाता है।

बेटी के साथ बलात्कार और हत्या होने के बाद पहले तो समाज उस परिवार को अकेला छोड़ देता है। उनका साथ देने के बजाए उन्हें ताने और आरोप लगाना शुरू कर देते है। उन्हें बुरी नजर और उनके बारे में बाते करते रहते है। उन्हें गाँव से बहार निकाल दिया जाता है। जब वह लड़की और परिवार वाले बहार जाते है तो उन्हें सब ताने सुनाते है। उन लोगों का जीवन एक कमरे में बंद तक सीमित रह जाती है। इसके अलावा उस परिवार से संबंधित लोगों को नौकरियों से निकालने के साथ उनके बच्चों को स्कूल ने दाखिला भी नहीं मिलता है। इतना ही नहीं समाज के रसूखदार लोग समाज की इज्जत की खातिर पीडि़त को दबाने का प्रयास करते हैं तथा न्याय के लिए कानून का दरवाजा खटखटाने से भी रोकते हैं। यदि वह इसके बाद भी पुलिस में चला जाता है तो उसे समाज से बहिष्कृत भी कर दिया जाता है।

इसका जिम्मेदार कौन शासन - प्रशासन - नशा या बेटा और यह कैसे रुकेगा?

इसका जिम्मेदार लोग जिनकी सोच बहुत छोटी और गंदी है। जो लोग लड़कियों को इज्ज़त नहीं देते है और उन्हें कुछ नहीं समझते है और उनकी ज़िन्दगी खराब कर देते है। हाँ यह भी सही अमीर घरों के बेटे जिनके लिए पैसा सब कुछ और जो ऐसे काम करते है। नशा भी काफी हद तक जिम्मेदार है , लोग बेरोजगार होने के बाद नशा करते है और ऐसे गलत काम करते है। प्रशासन और शासन भी इसके लिए जिम्मेदार है , जुर्म करने वाले लोगों को लटका कर रखते है। उन्हें सबक सिखाने के लिए कड़े नियमों का उपयोग नहीं करते है।

ऐसे रूकेगा यह सब

यह सब रुकेगा जब शासन जुर्म करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले ताकी दूसरी बार ऐसी हिमाकत करने के बारे में सोच भी नहीं सके। इसके अलावा कुछ अपराधियों को समाज में उदाहरण पेश करने के लिए कठोर सजा दी जानी चाहिए। इससे अन्य लोगों में भी इसका सकारात्मक संदेश जाएगा। अपराधियों को जितनी जल्दी हो सके सज़ा मिलनी चाहिए, जैसे वह लड़कियों के साथ करते उनके साथ भी ऐसा करना चाहिए। केस को लम्बे समय तक नहीं लटकाना चाहिए और जल्द से जल्द सज़ा देनी चाहिए।

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