बफर विलयन की परिभाषित कर इसके महत्व लिखा
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ऐसा विलयन जिसमें थोड़ी सी मात्रा में अम्ल अथवा क्षार मिला देने से उसके pH मान में की परिवर्तन नहीं होता है, बफर विलयन कहलाता है। ऐसे विलयनों की अम्लीयता या क्षारीयता आरक्षित रहती है। उदाहरण - ऐसीटिक अम्ल + सोडियम ऐसीटेट का विलयन । महत्व - (1 ) रासायनिक अभिक्रियाओं के वेग का अध्ययन करने में
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