बघेली कविता के वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डालिए ।
Answers
Answer:
समकालीन हिंदी कविता का प्रस्थान बिंदु अस्सी के आस-पास माना जाता है। इस समय हिंदी कविता अपनी पूर्ववर्ती कविता से विभिन्न स्तरों पर स्वयं को अलगा रही थी। अलहदा होने का लक्षण कविता में साफ-साफ दिख रहा था। कवियों ने इसे कविता की मुख्यधारा में वापसी कहा। यह अलहदापन संवेदना, भाव, विचार, दर्शन एवं भाषा के स्तर पर झलक रहा था। क्योंकि पूर्व की कविता में विद्रोह, हर चीज का निषेध एवं मोहभंग का गुस्सा था। कवियों के समक्ष कोई बड़ा लक्ष्य नहीं दिखायी पड़ रहा था। दिशाहीनता के शिकार ये कवि कविता को प्रभावी बनाने के लिये गोला, बारूद, बंदूक, क्रांति, गुरिल्ला युद्ध जैसे शब्दों को ठूंस रहे थे। कविता छद्म भावों एवं कृत्रिम शब्दों के चारों ओर चक्कर काट रही थी। लेकिन अस्सी के दशक तक आते आते स्थिति में परिवर्तन आया। कविता वस्तुस्थिति से साक्षात्कार करती दिखाई पड़ती है।