Hindi, asked by drishtitulshyan531, 7 months ago

भीड के िनगनोंका एक आदमी पर पत्थर फें किा -एक महात्मा का आिा -िनगनोंद्वारा उस व्यखि के पापनोंकी

वशकार्ि- महात्मा सेन्यार् की माोंग -महात्मा का न्यार् -''ठीक है,पत्थर मारन, पर पहिा पत्थर िह उठाए जन पूणय

विष्पाप हन''- वकसी का आगेि बढिा-भीड का चुप रहिा- महात्मा का उपदेश -बोध(kahani in hindi)???​

Answers

Answered by vinechua620
0

Answer:

Hakdog cheese dog pakalog kalog

Answered by tanisha6459
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Answer:

भीड़ के लोग एक आदमी पर पत्थर फेंक रहे थे। उसी वक्त एक महात्मा का वह आना हुआ। उन्होंने लोगों से पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं। तब लोगों ने बताया कि वह व्यक्ति बहुत ही पापी है उसने कई चोरियां की है और लोगों का सामान लेकर भाग जाता है। तब सब ने महात्मा से न्याय मांगा। महात्मा ने विचार कर कहा कि ठीक है पत्थर मारो पर पहला पत्थर वहां उठाए जो पूर्ण निष्पाप हो। यह सुनकर कोई भी आगे नहीं बढ़ा। क्योंकि सभी ने कोई ना कोई छोटा या बड़ा पाप किये थे। भीड़ छुट्टी चुप थी। महात्मा ने कहा कि जो पाप करता है उसका फल उसे अपने आप ही मिल जाता है और ऐसा कोई नहीं जिसने कभी भी अपनी जिंदगी में पाप ना किया इसलिए दूसरों के पापों की गिनती करने से पहले अपने आप के बारे में सोचो।

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