भाग (क)
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
(5*135)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल
पक्ष की प्रतिपदा से होता है. माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की
रचना की थी। इस कारण इसे नवसंवतसर या नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है।
आज भले ही नववर्ष ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार मनाया जाता है किन्तु हमारे
देश में आज भी मांगलिक तथा धार्मिक कार्यों के लिए विक्रम संवत को ही
प्रधानता दी जाती है। उसी के आधार पर ही तिथि एवं काल गणना की जाती है.
विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में 57
ईसा पूर्व शुरू किया था विक्रम संवत का सम्बन्ध किसी विशेष धर्म से न होकर
पूरे विश्व की प्रकृति, खगोलीय सिद्धांत, ग्रहों और नक्षत्रों से है। इसी लिए भारतीय
काल गणना सृष्टि की रचना और राष्ट्र की गौरवशाली परम्पराओं का बोध कराती
है। सौर मंडल के ग्रहों एवं नक्षत्रों के चाल, उनकी लगातार बदलती स्थिति पर भी
हमारे दिन , महीने, साल आधारित होते हैं। वसंत ऋतु में नववर्ष का आरम्भ
इसलिए भी आनंददायक है क्योंकि इस समय चारों ओर हरियाली होती है। रंग
बिरंगे सुगन्धित फूलों की छटा अनुपम होती है, जो धरा को अलौकिक सौंदर्य
प्रदान करती है. कुल मिलाकर वातावरण सुंदर एवं मनोहारी होता है। कहने को तो
यह पर्व एक है किन्तु इसके नाम अनेक हैं- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि कि माँ की
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But,where are the questions?
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but where are questions
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