भोग और त्याग के बीच संतुलन बनाए रखो। ना तो भोगों में लिप्त रहो, ना ही शरीर को सुखाओ। वाख कविता के आधार पर अपना विचार व्यक्त करें
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भोग और त्याग के बीच संतुलन बनाए रखो। ना तो भोगों में लिप्त रहो, ना ही शरीर को सुखाओ। वाख कविता के आधार पर अपना विचार व्यक्त करें
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