Hindi, asked by chintusahudeor123458, 4 months ago

"भोगय सदैव से भोगने के लिए ही उत्पन्न होते रहे हैं "क्या तात्पर्य हैं?ans​

Answers

Answered by shishir303
4

¿ भोग्य सदैव से भोगने के लिए ही उत्पन्न होते रहे हैं "क्या तात्पर्य हैं?

➲ भोग्य सदैव भोगने के लिए होते हैं, इस कथन का तात्पर्य यह है कि जो निरीह और कमजोर प्राणी होते हैं, वो सदैव ताकतवर प्राणियों के भोजन के लिए उनके द्वारा शोषित होने के लिये ही बने होते हैं। शहीद बकरी कहानी में बकरी भेड़िये से डटकर मुकाबला करती है लेकिन और भेड़िये को अधमरा कर देती है। लेकिन वो अपने साथियों की अकर्मण्यता के कारण शहीद हो जाती है।

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Answered by 9131808602
0

yah taatparya hai ki aakramanyata hamen vinash ki or le jata hai anyay aur utpidan kayathi dat kar mukabala Kiya jata hai to atyachar samapt ho jata hai

Similar questions