Hindi, asked by gopalaarumalla1978, 7 months ago

भाई साहब का वह रौब मुझपर न रहा अब मैं आजादी से खेलकूद में शरीक होने लगा।

4. मेरी स्वच्छंदता बढ़ते ही मैं उनकी सहिष्णुता का अनुचित लाभ उठाने लगा।

5. जब ठीक चार बजकर दस मिनट पर सुभाष बाबू जुलूस लेकर आए तब उनको चौरंगी पर ही रोका गया।

6. जब क्षितीश चटर्जी का सिर फट गया था तब उनका बहता हुआ खून देखकर आँख मिच जाती थी।

7. दो सौ आदमियों का जुलूस लाल बाजार जाकर गिरफ़्तार हो गया।

8. सुभाष बाबू को पकड़, गाड़ी में बैठाकर लालबाज़ार लॉकअप में भेज दिया गया।

9. वामीरो घर पहुँचकर भीतर ही कुछ बेचैनी महसूस करने लगी।

10. वह तेज कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई।

11. तताँरा को देखकर वह फूट-फूटकर रोने लगी।

12. वामीरो सचेत होकर घर की तरफ़ दौड़ी।

सरल में बदलिए​

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Answered by ishu4523
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Answer:

भाई साहब का वह रौब मुझपर न रहा अब मैं आजादी से खेलकूद में शरीक होने लगा।

4. मेरी स्वच्छंदता बढ़ते ही मैं उनकी सहिष्णुता का अनुचित लाभ उठाने लगा।

5. जब ठीक चार बजकर दस मिनट पर सुभाष बाबू जुलूस लेकर आए तब उनको चौरंगी पर ही रोका गया।

6. जब क्षितीश चटर्जी का सिर फट गया था तब उनका बहता हुआ खून देखकर आँख मिच जाती थी।

7. दो सौ आदमियों का जुलूस लाल बाजार जाकर गिरफ़्तार हो गया।

8. सुभाष बाबू को पकड़, गाड़ी में बैठाकर लालबाज़ार लॉकअप में भेज दिया गया।

9. वामीरो घर पहुँचकर भीतर ही कुछ बेचैनी महसूस करने लगी।

10. वह तेज कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई।

11. तताँरा को देखकर वह फूट-फूटकर रोने लगी।

12. वामीरो सचेत होकर घर की तरफ़ दौड़ी।

सरल में बदलिए

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