भुजंगासन को कैसे करते हैं और इसके लाभ और हानि
Answers
Answer:
भुजंगासन को कोबरा पोज़ भी कहा जाता है क्योंकि इसमें शरीर के अगले भाग को कोबरा के फन के तरह उठाया जाता है। भुजंगासन की जितनी भी फायदे गिनाए जाएं कम है। भुजंगासन का महत्व कुछ ज्यादा ही है क्योंकि यह सिर से लेकर पैर की अंगुलियों तक फायदा पहुंचाता है। अगर आप इसके विधि को जान जाएं तो आप सोच भी नही सकते यह शरीर को कितना फायदा पहुँचा सकता है। लेकिन करते समय आपको इसकी सावधानियां के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
आप सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं।
अब अपने हथेली को कंधे के सीध में लाएं।
दोनों पैरों के बीच की दुरी को कम करें और पैरों को सीधा एवं तना हुआ रखें।
अब साँस लेते हुए शरीर के अगले भाग को नाभि तक उठाएं।
ध्यान रहे की कमर पर ज़्यदा खिंचाव न आये।
अपने हिसाब से इस आसान को बनाए रखें।
योगाभ्यास को धारण करते समय धीरे धीरे स्वाँस लें और धीरे धीरे स्वाँस छोड़े।
जब अपनी पहली अवस्था में आना हो तो गहरी स्वाँस छोडते हुए प्रारम्भिक अवस्था में आएं।
इस तरह से एक चक्र पूरा हुआ।
शुरुवाती दौर में इसे 3 से 4 बार करें।
धीरे धीरे योग का धारण समय एवं चक्र की नंबर को बढ़ाएं।
भुजंगासन के लाभ
मधुमेह से बचाता है भुजंगासन : भुजंगासन पैंक्रियाज को सक्रिय करता है और सही मात्रा में इन्सुलिन के बनने में मदद करता है।
शरीर को सुडौल बनाता है भुजंगासन: यह शरीर को सुडौल एवं खूबसूरत बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। यह योगाभ्यास सम्पूर्ण शरीर में खिंचाव ले कर आता है और यही नहीं शरीर के अतरिक्त चर्बी को पिघालने में बहुत मददगार है।