भोजन पर सबका अधिकार पर 1 फीचर लेखन लिखिये
Answers
यह हमारे साथ बीती सची घटना है
हम चंडीगढ़ के एक जानेमाने होटल में भोजन के लिए प्रवेश द्वार पर खड़े ही हुए थे कि अचानक से दो लगभग 3-4 साल के बच्चे कहीं से आ धमके और अपने दोनों हाथ फैला कर कुछ पैसे मांगने की गुहार लगाई | मैं और मेरी पत्नी दोनों ने उनकी तरफ घूर कर देखा और अन्दर चले गए | खाने का आदेश हर बार की तरह पत्नी की पसंद का ही था | जैसे ही खाने का पहला निवाला मुंह की तरफ लेने लगा दोनों बच्चों का चहरा आँखों के सामने आ गया | यह भी तो हो सकता था की वो सच में भूखे हों | एक बन्दर तो भूख लगने पर हमारे हाथ से छीन कर ले जाता है पर एक इंसान के मांगने पर भी हम देने से हिचकिचाते हैं | उनकी सेहत से हो लग रहा था की पता नहीं कितने दिनों से अच्छा भोजन नहीं किया हो | हम तो वातानुकूलित हॉल में कुर्सियों पर बैठ कर भोजन का आनंद ले रहे हैं परन्तु उनको तो सिर्फ पेट भर खाना ही तो चाहिए | मैं तुरंत अपनी जगह पर खड़ा हो गया | पत्नी ने मेरी तरफ पानी का गिलास देते हुए कहा “लो पानी पी लो खाना गले से उतर जाएगा | मैं मन में पछतावे की एक और कड़ी पानी के घूँट के साथ पी गया |