Geography, asked by govindavhad35, 1 month ago

भूकंप व ज्वालामुखी सारखा आपत्तीजनक प्रक्रीया कोणत्या थरात घडतात​

Answers

Answered by ashwinibadgujar7382
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Explanation:

भूकम्प या भूचाल पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं। यह पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फ़ीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों की वजह से होता है। भूकम्प बहुत हिंसात्मक हो सकते हैं और कुछ ही क्षणों में लोगों को गिराकर चोट पहुँचाने से लेकर पूरे नगर को ध्वस्त कर सकने की इसमें क्षमता होती है।

भूकंप का मापन भूकम्पमापी यंत्र से किया जाता है, जिसे सीस्मोग्राफ कहा जाता है। एक भूकंप का आघूर्ण परिमाण मापक्रम पारंपरिक रूप से नापा जाता है, या सम्बंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। ३ या उस से कम रिक्टर परिमाण की तीव्रता का भूकंप अक्सर अगोचर होता है, जबकि ७ रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर किया जाता है।

पृथ्वी की सतह पर, भूकंप अपने आप को, भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट करता है। जब एक बड़ा भूकंप उपरिकेंद्र अपतटीय स्थति में होता है, यह समुद्र के किनारे पर पर्याप्त मात्रा में विस्थापन का कारण बनता है, जो सूनामी का कारण है। भूकंप के झटके कभी-कभी भूस्खलन और ज्वालामुखी गतिविधियों को भी पैदा कर सकते हैं।

सर्वाधिक सामान्य अर्थ में, किसी भी सीस्मिक घटना का वर्णन करने के लिए भूकंप शब्द का प्रयोग किया जाता है, एक प्राकृतिक घटना]) या मनुष्यों के कारण हुई कोई घटना -जो सीस्मिक तरंगों ) को उत्पन्न करती है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं, भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यतः गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।

भूकंप के उत्पन्न होने का प्रारंभिक बिन्दु केन्द्र या हाईपो सेंटर कहलाता है। शब्द उपरिकेंद्र का अर्थ है, भूमि के स्तर पर ठीक इसके ऊपर का बिन्दु।

Answered by rp420211
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Explanation:

भूगर्भातील हालचालींमूळे प्रचंड प्रमाणात उर्जेचे उत्सर्जन होते आणि त्याची परिणती "भूकंप लहरी" तयार होण्यात होऊन पृथ्वीच्या पृष्ठभागाची हालचाल होते. त्यामुळे जमीन थरथरणे, हलणे, जमिनीला भेगा, कंपन होणे अथवा भूकवच अचानक काही क्षण हादरणे यास भूकंप म्हणतात. भूकंपामुळे भूपृष्ठाचा भाग मागे-पुढे किंवा वर-खाली होतो. साहजिकच त्यामुळे भूगर्भात निर्माण होणारे धक्के व लाटा जमिनीच्या आत आणि वरच्या पृष्ठभागावर सर्व दिशांनी पसरतात. जमिनीखाली असलेल्या भूकंपाच्या उगमस्थानास भूकंपनाभी म्हणतात भूकंपनाभीच्या अगदी वर, भूपृष्ठावर असलेल्या बिंदूस भूकंपाचा केंद्रबिंदू म्हणतात. तीव्र स्वरूपाच्या लाटा किंवा हादरे सर्वप्रथम या केंद्रालगत येऊन पोहोचतात, त्यामुळे तेथे हानीचे प्रमाण सर्वात जास्त असते. भूकंपाचे हादरे हे सौम्य किंवा तीव्र अशा दोन्ही स्वरूपाचे असू शकतात. पृथ्वीवर होणाऱ्या विध्वंसक भूकंपांपेक्षा सौम्य भूकंपांची संख्या खूपच जास्त असते. भूकंपालेख यंत्रांवर धक्क्यांची नोंद आपोआप होत राहते.

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