Hindi, asked by likitha555, 3 months ago

भिक्षावृत्ति का सर्वप्रथम कारण है -निर्धनता। निर्धनता ही सब प्रकार के अपराधों की जननी मानी
जाती है। निर्धनता व्यक्ति से कुछ भी करवा सकती है। निर्धनता के कारण अनेक लोग भीख
माँगकर गुज़ारा करने पर विवश हो जाते हैं। भिक्षावृत्ति का दूसरा कारण है-प्राकृतिक विपदाएँ।
प्राकृतिक विपदाएँ आने पर लोग इस पेशे में आने को विवश हो जाते हैं। सूखा पड़ने,बाढ़ आ जाने
या भूकंप जैसी दैवी विपत्ति पड़ने पर जब सब कुछ नष्ट हो जाता है,तो लोगों के पास भीख माँगने
के अलावा कोई चारा नहीं रहता।
भिक्षावृत्ति का तीसरा कारण है- कुछ लोगों की दूषित मनोवृत्ति। ऐसे लोग भिक्षावृत्ति को
एक व्यवसाय के रूप में अपना लेते हैं तथा तरह-तरह के बहाने बनाकर लोगों को गुमराह करके
भीख माँगते हैं। इस प्रकार के भिखारी प्रायः चौराहों,सड़कों के किनारे,बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन के
आस-पास बहुतायत से मिल जाते हैं।लोगों को इन पर दया आ जाती है तथा कुछ-न-कुछ इन्हें दे
ही जाते है
यद्यपि सरकार ने इस वृत्ति को रोकने के लिए कानून भी बना रखा है तथा भीख माँगने
वालों की धर-पकड़ भी होती रहती है,पर भिक्षावृत्ति ज्यों की त्यों बनी हुई है।भिक्षावृत्ति से हमारे
देश के सम्मान को ठेस पहुंचती है। विदेशी पर्यटक जब भारत-भ्रमण पर आते हैं तो इन भिक्षुओं
की फ़ोटो खींचकर ले जाते हैं और अपने देश में दिखाते हैं जिससे सभी भारतवासियों का अपमान
होता है। वहाँ के रहनेवालों के मन में भारत के प्रति एक अलग ही तस्वीर उभरती है। कुछ
समाजसेवी संस्थाएँ अब इस कार्य में जुटी हुई हैं कि भिक्षुक कहे जानेवाले इन लोगों को
समझा-बुझाकर इन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया जाए। हमारा यह कर्तव्य है कि हम भिक्षुकों को
रुपया-पैसा आदि न देकर इन्हें आवश्यकता की वस्तुएँ दें।
प्रश्न:
क) लोगों की दूषित मनोवृत्ति भिक्षावृत्ति का कारण किस प्रकार बन जाती है?
ख) भिक्षावृत्ति से हमारे देश के सम्मान को कैसे ठेस पहुँचती है?

ग) 'निर्धनता सब प्रकार के अपराधों की जननी है'- स्पष्ट कीजिए।
घ) प्राकृतिक आपदाएँ किस प्रकार भिक्षावृत्ति का कारण बनती हैं?
ङ) भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
च) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।​

Answers

Answered by Priya1445
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*निसर्ग माझा सोबती मराठी निबंध :*

*निसर्ग हा मानवाला मिळालेला सर्वात दान शूर मित्र आहे. निसर्गाने आपल्याला खुप काही देतो. निसर्गाचा मानवाच्या प्रगतीत खुप मोठा वाटा आहे. निसर्ग हा नेहमी आपल्या सोबत राहतो म्हणुन तो आपला सोबती आहे. तो आपल्याला खुप काही देत असतो फळे, फुले, धान्य, लाकूड असे बरेच काही देतो पण त्या बदल्यात आपण त्याला काही देत नाही . त्याची नि:स्वार्थाची भावना असते. ही खुप सुंदर गोष्ट आपण निसर्गा कडुन शिकली पाहिजे. निसर्ग हा एखाद्या मित्रासारखी साथ देतो. तो आपले संरक्षण करतो. आपल्याला उत्तम आरोग्य देतो. आपले संगोपन करतो. याठिकाणी निसर्ग हा आपल्या पालकासारखा वागतो. पण मनुष्य आता खुप प्रगत झाला आहे त्याच्याकडे सगळे काही आहे पण तो आता निसर्गाला विसरला असे काहीसे म्हणता येईल. वेगवेगळे ऋतु प्राणी, वनस्पती, नद्या, नाले, झरे, पर्वत रांगा, पाऊस, अशा शेकडो गोष्टी या निसर्गात आहे. निसर्गाचे रक्षण करणे गरजेचे आहे, तो आपला एक आयुष्यभराचा सोबती आहे.*

Answered by pranavwaghlavhle890
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Explanation:

भिक्षावृत्ति का सर्वप्रथम कारण है -निर्धनता। निर्धनता ही सब प्रकार के अपराधों की जननी मानी

जाती है। निर्धनता व्यक्ति से कुछ भी करवा सकती है। निर्धनता के कारण अनेक लोग भीख

माँगकर गुज़ारा करने पर विवश हो जाते हैं। भिक्षावृत्ति का दूसरा कारण है-प्राकृतिक विपदाएँ।

प्राकृतिक विपदाएँ आने पर लोग इस पेशे में आने को विवश हो जाते हैं। सूखा पड़ने,बाढ़ आ जाने

या भूकंप जैसी दैवी विपत्ति पड़ने पर जब सब कुछ नष्ट हो जाता है,तो लोगों के पास भीख माँगने

के अलावा कोई चारा नहीं रहता।

भिक्षावृत्ति का तीसरा कारण है- कुछ लोगों की दूषित मनोवृत्ति। ऐसे लोग भिक्षावृत्ति को

एक व्यवसाय के रूप में अपना लेते हैं तथा तरह-तरह के बहाने बनाकर लोगों को गुमराह करके

भीख माँगते हैं। इस प्रकार के भिखारी प्रायः चौराहों,सड़कों के किनारे,बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन के

आस-पास बहुतायत से मिल जाते हैं।लोगों को इन पर दया आ जाती है तथा कुछ-न-कुछ इन्हें दे

ही जाते है

यद्यपि सरकार ने इस वृत्ति को रोकने के लिए कानून भी बना रखा है तथा भीख माँगने

वालों की धर-पकड़ भी होती रहती है,पर भिक्षावृत्ति ज्यों की त्यों बनी हुई है।भिक्षावृत्ति से हमारे

देश के सम्मान को ठेस पहुंचती है। विदेशी पर्यटक जब भारत-भ्रमण पर आते हैं तो इन भिक्षुओं

की फ़ोटो खींचकर ले जाते हैं और अपने देश में दिखाते हैं जिससे सभी भारतवासियों का अपमान

होता है। वहाँ के रहनेवालों के मन में भारत के प्रति एक अलग ही तस्वीर उभरती है। कुछ

समाजसेवी संस्थाएँ अब इस कार्य में जुटी हुई हैं कि भिक्षुक कहे जानेवाले इन लोगों को

समझा-बुझाकर इन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया जाए। हमारा यह कर्तव्य है कि हम भिक्षुकों को

रुपया-पैसा आदि न देकर इन्हें आवश्यकता की वस्तुएँ दें।

प्रश्न:

क) लोगों की दूषित मनोवृत्ति भिक्षावृत्ति का कारण किस प्रकार बन जाती है?

ख) भिक्षावृत्ति से हमारे देश के सम्मान को कैसे ठेस पहुँचती है?

ग) 'निर्धनता सब प्रकार के अपराधों की जननी है'- स्पष्ट कीजिए।

घ) प्राकृतिक आपदाएँ किस प्रकार भिक्षावृत्ति का कारण बनती हैं?

ङ) भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए?

च) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

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