Hindi, asked by gyanvichauhan, 4 months ago

'भूख से जंग' शीर्षक पर एक अनुच्छेद लिखे।​

Answers

Answered by akhiparte2000
0

Answer:

bbbbbjbjiiiiiiiijiiii

Answered by mk6114034
1

Answer:

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 117 देशों की सूची में 102वें स्थान पर है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति दक्षिण एशियाई देशों में अफगानिस्तान को छोड़कर सबसे खराब हैभारतीय परिदृश्य में एक साथ दो घटनाएं घटती हैं. एक तरफ भारतीय मूल के अभिजीत विनायक बनर्जी को एस्थर डूफ्लो और माइकल क्रेमर के साथ 'वैश्विक स्तर पर गरीबी से लड़ने में हमारी क्षमता' को बेहतर बनाने के लिए नोबेल पुरस्कार मिलता है. वहीं, दूसरी तरफ ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत कुल 117 देशों की सूची में 102वें स्थान पर आता है.

एक गर्व का विषय है तो दूसरा एक बड़ी चिंता का विषय है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति दक्षिण एशियाई देशों में अफगानिस्तान को छोड़कर सबसे खराब है. ब्रिक्स देशों की सूची में भी भारत सबसे पिछड़ा देश है30.3 के स्‍कोर के साथ भारत इस बार ग्लोबल हंगर इंडेक्स में गंभीर स्थिति वाले देशों की सूची में शामिल हुआ है. इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2000 में भारत का ग्लोबल हंगर इंडेक्स स्कोर 40 हुआ करता था जो 2010 से 2019 के बीच में लगातार घटता गया.पड़ोसी देश चीन 6.5 इंडेक्स स्‍कोर के साथ 25वें पायदान पर है. श्रीलंका 17.1 के साथ 66वें स्थान, म्यांमार 19.8 के साथ 69वें, नेपाल 20.8 के साथ 73वें, बांग्लादेश 25.8 के साथ 88वें स्थान तो पाकिस्तान 28.5 के साथ 94वें पायदान पर काबिज है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स को पांच भागों में बांट कर किसी देश की स्थिति की गंभीरता को समझा जाता है.

1- निम्न स्थिति (0-9.9)

2- संतुलित स्थिति (10.0-19.9)

3- गंभीर स्थिति (20.0-34.9)

4- चिंताजनक स्थिति (35.0-49.9)

5- अति चिंताजनक स्थिति (50-100)

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में दुनिया के विकसित देश शामिल नहीं होते हैं और वे देश जो आंकड़े उपलब्ध नहीं करा पाते हैं, उनको भी इस सूची में शामिल नहीं किया जाता है. इस बार की सूची में 15 देश डेटा के अभाव की वजह से सूची से बाहर कर दिए गए हैं.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स देश की कुल आबादी में कितने प्रतिशत लोगों को एक निश्चित कैलोरी भोजन उपलब्ध नहीं होता है, इस बात की जानकारी उपलब्ध कराता है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 14.5 फीसदी लोग कुपोषित है.

5 वर्ष से कम की उम्र के 20.8 फीसदी बच्चे जरूरी निर्धारित औसत वजन से कम है. 5 वर्ष से कम की उम्र के 37.9 फीसदी बच्चे जरूरी निर्धारित औसत लंबाई से कम है. भारत में 6 से 23 महीनों के बीच की उम्र के महज 9.6 फीसदी बच्चों को ही 'न्यूनतम स्वीकार आहार' मिल पाता है.

यूनिसेफ की हाल में आई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल मरने वाले बच्चों में 69 फीसदी (5 वर्ष से कम उम्र) बच्चों की मौत कुपोषण की समस्या की वजह से हो जाती है. अकेले 2018 में 8,82,000 बच्चों की मौत कुपोषण की वजह से हुई है.

अब इन आंकड़ों के बीच प्रश्न उठता है कि दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और विश्व की एक

Similar questions