Hindi, asked by akshita3508, 8 months ago

भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि
वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा
है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?

Please tell answer fast. ​

Answers

Answered by amritgdb31
0

कवि भिखमंगो कि दुनिया में बेरोक प्यार लुटाने के लिए कहता है किंतु वह अपने कार्य में पूर्णतः सफल नहीं हो पाता। अपनी इसी असफलता को वह एक निशान अर्थात भार की तरह लेकर जा रहा है। यह कवि की असफलता है जो उसके मन में निराशा की भावना को बढ़ा रही थी। इस निराशा के कारण ही कवि भी निराश है।

Answered by Braɪnlyємρєяσя
1

यहाँ भिखमंगों की दुनिया से कवि का आशय है कि यह दुनिया केवल लेना जानती है देना नहीं। कवि ने भी इस दुनिया को प्यार दिया पर इसके बदले में उसे वह प्यार नहीं मिला जिसकी वह आशा करता है। कवि निराश है, वह समझता है कि प्यार और खुशियाँ लोगों के जीवन में भरने में असफल रहा। दुनिया अभी भी सांसारिक विषयों में उलझी हुई है।

Similar questions