Hindi, asked by artisanjupatvi, 21 days ago

भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है? कशक्यो है।​

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Answered by rupeshthakre1080
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Answer:

यहाँ भिखमंगों की दुनिया से कवि का आशय है कि यह दुनिया केवल लेना जानती है,देना नही। कवि ने भी इस दुनिया को प्यार दिया पर इसके बदले में उसे वह प्यार नहीं मिला, जिसकी वह आशा करता है। कवि निराश है, वह समझता है कि प्यार और खुशिया लोगों के जीवन में भरने में असफल रहा। दुनिया अभी भी सांसारिक विषयों में उलझी हुई है। इससे लगता है कि कवि निराश है।

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