Chemistry, asked by vedantdadhich21, 2 months ago

भूल गया उसका लेना झट परम लाभ सा पाकर में पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए

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Answered by bhatiamona
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भूल गया उसका लेना झट परम लाभ सा पाकर मैं..

‘सियाराम शरण गुप्त’ द्वारा रचित एक ‘फूल की चाह’ नामक कविता की इन पंक्तियों का भाव यह है कि सुखिया का पिता जब मंदिर में अपनी बेटी के लिए देवी माँ के मंदिर का फूल लेने गया तो पूजा के फूल को पाकर में इतना प्रसन्न हो उठा कि उसे पुजारी से मंदिर का प्रसाद लेने तक का ध्यान नहीं रहा। उसे तो केवल उस फूल की चाह थी जो उसे देवी माँ के मंदिर से लाकर अपनी बीमार बेटी सुखिया को देना था। ताकि वह फूल पाकर उसकी बेटी अच्छी हो जाए।

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