Hindi, asked by rohitgurjaragurjar, 2 months ago

भूल न जाना पथिक कहीं पथ में कांटे तो होंगे ही दुआ सरिता सर होंगे सुंदर जीवन सुंदर होंगे इस गद्यांश का भाव अपने शब्दों में लिखि​

Answers

Answered by sudhiragarwal129
7

Answer:

पथ भूल न जाना पथिक कहीं

पथ में कांटे तो होंगे ही

दुर्वादल सरिता सर होंगे

सुंदर गिरि वन वापी होंगे

सुंदरता की मृगतृष्णा में

पथ भूल न जाना पथिक कहीं।

जब कठिन कर्म पगडंडी पर

राही का मन उन्मुख होगा

जब सपने सब मिट जाएंगे

कर्तव्य मार्ग सन्मुख होगा

तब अपनी प्रथम विफलता में

पथ भूल न जाना पथिक कहीं।

अपने भी विमुख पराए बन

आंखों के आगे आएंगे

पग पग पर घोर निराशा के

काले बादल छा जाएंगे

तब अपने एकाकीपन में

पथ भूल न जाना पथिक कहीं।

रण भेरी सुन कर विदा विदा

जब सैनिक पुलक रहे होंगे

हाथों में कुमकुम थाल लिये

कुछ जलकण ढुलक रहे होंगे

कर्तव्य प्रेम की उलझन में

पथ भूल न जाना पथिक कहीं।

कुछ मस्तक काम पड़े होंगे

जब महाकाल की माला में

मां मांग रही होगी अहूति

जब स्वतंत्रता की ज्वाला में

पल भर भी पड़ असमंजस में

पथ भूल न जाना पथिक कहीं।

∼ शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

Similar questions