भूमि अवनयन पर निबन्ध लिखिए?
Answers
भूमि उपयोग पृथ्वी के किसी क्षेत्र का मनुष्य द्वारा उपयोग को सूचित करता है। सामान्यतः जमीन के हिस्से पर होने वाले आर्थिक क्रिया-कलाप को सूचित करते हुए उसे वन भूमि, कृषि भूमि, परती, चरागाह इत्यादि वर्गों में बाँटा जाता है। और अधिक तकनीकी भाषा में भूमि उपयोग को "किसी विशिष्ट भू-आवरण-प्रकार की रचना, परिवर्तन अथवा संरक्षण हेतु मानव द्वारा उस पर किये जाने वाले क्रिया-कलापों" के रूप में परिभाषित किया गया है।[1]
वृहत् स्तर पर ग्रेट ब्रिटेन में प्रथम भूमि उपयोग सर्वेक्षण सन् 1930 ई॰ में डडले स्टाम्प महोदय द्वारा किया गया था।[2]
भारत में भूमि उपयोग से संबंधित मामले 'भारत सरकार' के 'ग्रामीण विकास मंत्रालय' के 'भूमि संसाधन विभाग' के अंतर्गत आते हैं। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर भूमि उपयोग से संबंधित सर्वेक्षणों का कार्य नागपुर स्थित 'राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो' नामक संस्था करती है। इस संस्था द्वारा भारत के विभिन्न हिस्सों के भूमि उपयोग मानचित्र प्रकाशित किये जाते हैं।
भूमि उपयोग और इसमें परिवर्तन का किसी क्षेत्र के पर्यावरण और पारिस्थितिकी पर अत्यंत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। प्राकृतिक संसाधन संरक्षण से जुड़े मुद्दों में भूमि उपयोग संरक्षण से जुड़े बिंदु हैं: मृदा अपरदन एवं संरक्षण, मृदा गुणवत्ता संवर्धन, जल गुणवत्ता और उपलब्धता, वनस्पति संरक्षण, वन्य-जीव आवास इत्यादि।[3]