Biology, asked by mdsarwar89, 5 months ago

बहु प्रभाविता को सोदाहरण समझाइए​

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Answered by shishir303
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बहुप्रभाविता से तात्पर्य उस अवस्था है, जब कोई जीन दो या दो से अधिक लक्षणों को प्रदर्शित, अभिव्यक्ति अथवा नियंत्रित करता है, तो ऐसी अवस्था को बहुप्रभाविता कहा जाता है। सरल रूप से समझे तो बहुप्रभाविता मे एक जीन कई प्रभावों को नियंत्रित अथवा निर्धारित करता है तो इस प्रकार की स्थिति बहुप्रभाविता कहलाती है।

बहुप्रभाविता का उदाहरण...

सिकल सेल एनीमिया : सिकल सेल एनीमिया बहुप्रभाविता का एक उदाहरण है। ये एक आनुवंशिक रक्तविकार है। इसमें लाल रक्त कणिकायें हँसिये यानि सिकल के आकार की हो जाती है, इसलिये उसे सिकल सेल एनीमिया कहा जाता है। ऐसी स्थिति में इन कणिकाओं का आकार असामान्य हो जाता है, ये कणिकायें कठोर भी हो जाती हैं।

सिकल से एनीमिया का मुख्य कारण एचबीबी (हीमोग्लोबिन जीन) होता है। ये एचबीबी बीटाग्लोबिन प्रोटीन निर्माण करता है। एचबीबी जीन में उत्परिवर्तन के कारण हो जाता है, जिसके कारण शरीर में अनेक तरह के दुष्प्रभाव दिखने लगते है। शरीर के रक्त की लाल रक्त कणिकायें हँसिये के आकार की हो जाती हैं, जिससे शरीर के अंगों तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नही पहुँच पाता है। इस कारण उच्च रक्तचाप की समस्या होता है और दृष्टि हीनता का दोष उत्पन्न होने लगता है।

इस प्रकार एक एचबीबी जीन अनेक प्रभावों के लक्षण प्रदर्शित कर रहा है इसी कारण ये बहुप्रभाविता का उदाहरण है।

इसके अतिरिक्त बहुप्रभाविता के लक्षण उद्यान मटर और ड्रोसोफिला में भी पाये जाते है।

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