Hindi, asked by nr126106, 1 month ago

भूप शिवाजी ।।
सोरठा
(2011, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18
-सोरठा अर्द्धसम मात्रिक छन्द है। इसमें चार चा
तीय चरण में 11-11 मात्राएँ तथा द्वितीय एवं चत
हैं। पहले और तीसरे चरण के अन्त में गुरु-लघु
क भी मिलती है। यह दोहे का उल्टा होता है। जान​

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Answered by b9168917884
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