भ्रूण हत्या एक सामाजिक मानवीय अपराध है अपने विचार लिखिए
Answers
Answered by
9
Answer:
आज हमारे समाज में भ्रूण हत्या एक आम बात हो गई है। इस देश की लाखों मातायें अपने पेट में पल रही बालिका शिशु की अपने हाथों से भ्रूण हत्या करती है, करवाती है। गर्भपात नाम का यह संक्रामक रोग हमारे समाज की माताओं को भी लग गया है। आज घर—घर में बूचड़खानें खुले हैं कोई घर ऐसा नहीं बचा है जहां एक या दो या इससे अधिक गर्भपात नहीं करवाये गये हैं।
भ्रूण हत्या क्यों होती है ? मानव क्या चाहता है कि भू्रण को समाप्त करने से हमारा जीवन सुखी रहेगा। लड़की होने से क्या उसके जीवन में संकट आ जायेगा, वह दु:खी हो जायेगा? यह सब कोरी कल्पना है। यह मनुष्य की एक विकृत मानसिकता है। आजकल समाज में इस विकृत मानसिकता के शिकार बहुत लोग हो रहे हैं। आये दिन सरकारी अस्पतालों एवं निजी चिकित्सालयों में देखने को मिलता है कि पैसे के लोभ में अच्छे सुशिक्षित डाक्टर एवं नर्सें यह घृणित कार्य कर रहे हैं। सबसे बड़ी गलती तो उन मां—बाप की होती है जो अपनी ही संतान को जन्म लेने के पहले पैसे देकर उसकी हत्या करवा देते हैं। संसार में आने के पहले ही नष्ट करवा देते हैं और इससे पहले तो उस मां को सोचना चाहिए जो एक नारी है। इसे वात्सल्य और ममता की देवी कहा जाता है। अपनी ही संतान, अपनी ही नस्ल एवं अपने ही जिगर के टुकड़े को नष्ट करवा रही है। कभी यह सोचा है कि आखिर इस अबोध बच्ची का क्या दोष है ? इसलिये कि वह एक लड़की है ? लड़की का प्रेम माता—पिता में लड़के की अपेक्षा अधिक रहता है। बालक प्रकृति की गोद में प्रस्फुटित नन्ही मासूम कली है जिसे हमें फूल की तरह खिलाना है ताकि उसकी खुशबू से हमारा सारा चमन महक सके। ये नन्हें सुकोमल बच्चे तो उस गीली माटी की तरह हैं जिन्हें हम चाहे जैसा गढ़ सकते हैं।
भ्रूण हत्या मातृत्व के माथे पर एक ऐसा कलंक है जो नारी की करूणा और संवेदनशीलता को भीतर ही भीतर खोखला किये जा रही है। मातृरूपी जगत जननी नारी आज दिन के उजाले में अपने ही गर्भस्थ कन्या शिशु के खून से अपने हाथों को रंग रही है। कई बार तो गर्भापात करवाते समय इतना खून बह जाता है कि जान बचाने के लिए अतिरिक्त खून चढ़ाना पड़ता है। यह कैसा पुत्र मोह जो अपनी जान से भी प्यारा है। बेटे की चाहत का मीठा जहर कहीं जिंदगी कर कहर न बन जाए। फिर भी संतान के रूप में औरत की पहली पसंद बेटा ही है। पुत्र उत्पन्न होगा, कमायेगा—अर्थव्यवस्था को सहारा देगा। पुत्री उत्पन्न होगी तो अपने साथ घर की लक्ष्मी भी ले जाएगी।
Similar questions