Hindi, asked by AALPHUL, 4 months ago

भोर और बरखा कविता की द्वितीय शब्दकोष दीजिये। ​

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Answered by mannattjaiswal6
1

Answer:

भोर और बरखा कविता का भावार्थ: मीरा बाई के इस पद में वो यशोदा माँ द्वारा कान्हा जी को सुबह जगाने के दृश्य का वर्णन कर रही हैं। यशोदा माता कान्हा जी से कहती हैं कि 'उठो कान्हा! रात ख़त्म हो गयी है और सभी लोगों के घरों के दरवाजे खुल गए हैं। ज़रा देखो, सभी गोपियाँ दही को मथकर तुम्हारा मनपसंद मक्खन निकाल रही हैं।

Answered by Anonymous
3

ᴀɴsᴡᴇʀ:

भोर और बरखा कविता का भावार्थ: मीरा बाई के इस पद में वो यशोदा माँ द्वारा कान्हा जी को सुबह जगाने के दृश्य का वर्णन कर रही हैं। यशोदा माता कान्हा जी से कहती हैं कि 'उठो कान्हा! रात ख़त्म हो गयी है और सभी लोगों के घरों के दरवाजे खुल गए हैं। ज़रा देखो, सभी गोपियाँ दही को मथकर तुम्हारा मनपसंद मक्खन निकाल रही हैं।

ItzTragicGirl❣️

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