भ्रमण का महत्व पर निबंध
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परन्तु महानगरों में कल-कारखानों की अधिकता और मोटरकारों का धुंआ दिनभर वायुमंडल को प्रदूषित करता रहता है । स्वच्छ, सुगंधित, शीतल वायु का सेवन हम प्रात: काल ही कर सकते हैं । प्रात: काल घूमने की आदत बहुत अच्छी होती है ।
हम लोग रोहिणी में रहते हैं । यहाँ आस-पास अनेक बड़े-बड़े हरे-भरे घास के मैदान हैं । यहाँ स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स के पास बहुत बड़ा पार्क है, जो सैक्टर 14 और 13 के मध्य स्थित है । यह पार्क कई एकड़ में फैला है । बीच में फव्वारा है । हरी घास के विशाल मैदान हैं और बीच-बीच में अनेक वृक्ष हैं । मैं भी प्रतिदिन इसी पार्क में भ्रमण करने जाता हूँ ।
प्रात: कालीन भ्रमण के अनेक लाभ हैं । सब से पहला लाभ यह है कि प्रात: काल शीघ्र उठने से शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है । प्रात: कालीन शीतल वायु फेफड़ों के लिए बहुत अच्छी होती है । इससे स्मरण-शक्ति तीव्र होती है । घूमने फिरने से शरीर में एक नई चेतना उत्पन्न होती है ।
इस विशाल पार्क में अनेक लोग सामूहिक योगासन करते हुए देखे जा सकते हैं । कहीं युवा छात्र फुटबाल या बालीबॉल खेलते हैं । कहीं स्त्रियां आसन करती दिखाई देती हैं तो कहीं वृद्धजनों की टोली भगवान का कीर्तन करने में संलग्न दिखाई देती है ।
पार्क में गेरुआ ध्वज के नीचे सफेद कमीज और खाकी नेकर पहने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सेवक विभिन्न प्रकार के व्यायाम करते मिलते हैं । वे कभी कबड्डी मैच खेलते हैं, कभी लाठी चलाने का अभ्यास करते हैं और कभी राष्ट्र-भक्ति पूर्ण गीत गाते हैं । उनके कार्यक्रम का प्रारम्भ ‘वंदे मातरम्’ गीत से और समापन वैदिक शान्तिपाठ से होता है ।
ऐसे प्रश्न लिखने की आपकी क्षमता को बढ़ाने के लिए हैं। कुछ संकेत नीचे दिए गए हैं
भ्रमण का कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नानुसार है:
(i) वे ज्ञान का प्रत्यक्ष स्रोत प्रदान करते हैं और छात्र को पहली हाथ की जानकारी से परिचित करते हैं।
(ii) वे छात्र को अपने सौंदर्य भावना के विकास के लिए अवसर प्रदान करते हैं।
(iii) इस तरह के भ्रमण से छात्रों को अपने पर्यावरण की खोज में रुचि हो जाती है।
(iv) वे छात्रों में प्रकृति के लिए प्यार विकसित करने और बाहरी दुनिया में वास्तविक खुशी से परिचित होने में मदद करते हैं।
(v) यह अवलोकन, अन्वेषण, निर्णय और ड्राइंग सम्मेलनों, छात्रों की समस्या निवारण क्षमता की शक्ति के विकास में मदद करता है।
(vi) यह छात्रों के बीच संसाधन, आत्मविश्वास, पहल और नेतृत्व के गुणों को विकसित करने में मदद करता है।
(vii) यह सहकारी दृष्टिकोण और विभिन्न अन्य लोगों को विकसित करने में मदद करता है
(viii) यह अवकाश के उचित उपयोग में मदद करता है।
(ix) यह छात्रों को आत्म-अध्ययन और आत्म-गतिविधि के लिए प्रेरित करता है।
यह छात्रों के रचनात्मक संकाय के विकास में मदद करता है।