Hindi, asked by arunarun16012, 10 months ago

भ्रमरगीत से भाप क्या समझतै प तथा
भ्रमर की किसका प्रतीक माना जाता है​

Answers

Answered by anitasingh0955
8

Answer:

भ्रमरगीत' शब्द 'भ्रमर' और 'गीत' दो शब्दों के मेल से बना है। 'भ्रमर' छ: पैरवाला एक कीट है जिस का रंग काला होता है। इसे भँवरा भी कहते हैं। 'गीत' गाने का पर्याय है इसलिए 'भ्रमर गीत' का शाब्दिक अर्थ है- भँवरे का गान, भ्रमर संबंधी गान या भ्रमर को लक्ष्य करके लिखा गया गान।

Explanation:

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Answered by anishkeshari
4

Explanation:

कृष्ण ने मथुरा जाने के बाद स्वयं 9 लौटकर उधव के माध्यम से गोपियों के पास संदेश भेजो आया उन्होंने निर्गुण ग्राहक एवं योग का उपदेश देकर गोपियों की विरह वेदना को कम करने का प्रयास किया पर गोपियां ज्ञान मार्ग की अपेक्षा प्रेम मार्ग को पसंद करती है अतः उन्हें उद्धव का शुल्क संदेश अच्छा नहीं लगता तभी वहां एक भरा आ गया यहीं से भ्रमरगीत का प्रारंभ होता है गोपियों ने भ्रमण के बहाने उधव पर व्यंग बाण छोड़े पहले पद में उन्होंने इसने के धागे से बंधे होते हैं तो वह विरह वेदना को अनुभूत आवास करा कर पाते दूसरे पद में गोपियों स्वीकार करती हैं कि उनकी मन की बात में ही रह गई कृष्ण के प्रति उनके प्रेम की गहराई को अभिव्यक्त करती है तीसरे पद में वे उद्धव के योग साधना को कड़वी ककड़ी जैसा बताकर कृष्ण प्रेम में दृढ़ विश्वास प्रकट करती हैं चौथे पढ़ने को ताना मारती है कि कृष्ण ने अब राजनीति पढ़ ली है अतः व्यक्तियों द्वारा उद्धव को राजधर्म याद दिलाया जाता सूरदास की लोग धार्मिक को दर्शाता है

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