'भ्रष्टाचार की जड़ नैतिक मूल्यों का पतन है। इस कथन के समर्थन में अपने मौलिक विचार व्यक्त कीजिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए लगभग 250 शब्दों में लेख लिखिए।
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भ्रष्टाचार एक ऐसा शब्द है जिस शब्द से वाकई में नैतिक मूल्य का पतन हो रहा है । समाज में , भारत देश में भ्रष्टाचार फैला हुआ है । मनुष्य अपने थोड़े से फायदे के लिए भ्रष्टाचार की ओर अपने कदम बढ़ा लेता है ।
भ्रष्टाचार की जड़ जब धीरे-धीरे पूरे देश में फैल जाएगी तब मनुष्य के लिए काफी नुकसान देगी । भ्रष्टाचार मानव मूल्य का पतन होने का सबसे बड़ा कारण है । भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में हम लोगों का काफी योगदान हैं । मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म मानवता है वह दूसरों की मदद के लिए निरंतर कार्य करें यही मानवता का धर्म होता है ।
परंतु भ्रष्टाचार लालच के कारण मनुष्य अपनी मानवता को भूलता जा रहा है । आज के समय में व्यक्ति एक सफल इंसान बनने के लिए धन , दौलत कमाने के लिए निरंतर मानवता को खोता जा रहा है ।भ्रष्टाचार से मनुष्य के जीवन को काफी हानि होती है । भ्रष्टाचार से देश और समाज को भी काफी नुकसान झेलना पड़ता है ।
भ्रष्टाचार की जड़ नैतिक मूल्यों का पतन करती है , मनुष्य की मानवता को नष्ट करती है । मनुष्य का जीवन बड़ी मुश्किल से प्राप्त होता है परंतु आज का मनुष्य अपनी सुख सुविधाओं को जुटाने के लिए अपने परिवार के लिए सुख सुविधाओं को जुटाने के लिए भ्रष्टाचार की जड़ को मजबूत कर देते हैं ।
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