Hindi, asked by kchaya14, 3 months ago

भ्रष्टाचार के संबंध में अपने विचार प्रकट करते हुए दैनिक समाचार पत्र के संपादक के पास एक पत्र लिखें​

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Answered by aditya35376
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Answer:

BHRASHTACHAR PAR SAMPADAK KO PATRA

सेवा में,

सम्पादक मोहदय,

‘द ट्रिब्यून’

मेरठ।

महोदय,

आज हमारे देश में भ्रष्टाचार सारी सीमाएं लांघ रहा है। प्रष्टाचार देश को घुन की तरह खाए जा रहा है। राष्ट्रीय चरित्र में कमी होने के कारण भ्रष्टाचार सब को निगलने को तैयार खड़ा है। देश में हरेक आदमी की दौड़ लगी हुई है–धन पाने की। अनैतिक ढंग से लोग अधिक से अधिक धन इकट्ठा कर रहे हैं।

भ्रष्टाचार जैसे पाप को रोकने के लिए कुछ भी करना चाहिए। कड़ा से कड़ा दण्ड भी देना चाहिए – यहां तक कि मृत्यु दण्ड भी। प्रष्टाचारी को समाज में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए। चौराहे में खड़े करके उसे कोड़े लगाए जाने चाहिएं।

भ्रष्टाचार से पीड़ित देश कभी सुख नहीं पा सकता। इसलिए देश की पुलिस को भी इस दिशा में अधिक काम करना चाहिए। हालांकि पुलिस ने इस दिशा में कई सराहनीय कार्य किए हैं, कई स्कैंडलों का पता लगाया है लेकिन अभी भी इस संबंध में बहुत से आवश्यक कार्य करने जरुरी है। सरकार को इस संबंध में गंभीरता और कठोरता से निपटना चाहिए ताकि देश अनैतिक और भ्रष्टाचारी समाज द्रोहियों से बच सके और जनता को न्याय मिल सके।

आपका,

आदित्य,31-B, माडल टाऊन,

मेरठ।

दिनांक-22 जुलाई 19…….

सम्पादक

‘द ट्रिब्यून’

मेरठ।

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