भ्रष्टाचार की समसया और समाधान - पर निबंध ।
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Answer:
भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण। ऐसा कार्य जो अपने स्वार्थ सिद्धि की कामना के लिए समाज के नैतिक मूल्यों को ताक पर रख कर किया जाता है, भ्रष्टाचार कहलाता है। भ्रष्टाचार भारत समेत अन्य विकासशील देश में तेजी से फैलता जा रहा है। भ्रष्टाचार के लिए ज्यादातर हम देश के राजनेताओं को ज़िम्मेदार मानते हैं पर सच यह है कि देश का आम नागरिक भी भ्रष्टाचार के विभिन्न स्वरूप में भागीदार हैं। वर्तमान में कोई भी क्षेत्र भ्रष्टाचार से अछूता नहीं है।
भ्रष्टाचार के उपाय
- भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कानून - हमारे संविधान के लचीलेपन के वजह से अपराधी में दण्ड का बहुत अधिक भय नहीं रह गया है। अतः भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है।
- कानून की प्रक्रिया में समय का सदुपयोग - कानूनी प्रक्रिया में बहुत अधिक समय नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। इससे भ्रष्टाचारी को बल मिलता है।
- लोकपाल कानून की आवश्यकता - लोकपाल भ्रष्टाचार से जुड़े शिकायतों को सुनने का कार्य करता है। अतः देश में फैले भ्रष्टाचार को दूर करने हेतु लोकपाल कानून बनाना आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त लोगों में जागरूकता फैला कर, प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बना और लोगों का सरकार तथा न्याय व्यवस्था के प्रति मानसिकता में परिवर्तन कर व सही उम्मीदवार को चुनाव जिता कर भ्रष्टाचार रोका जा सकता है।
हर प्रकार के भ्रष्टाचार से समाज को बहुत अधिक क्षति पहुंचती है। हम सभी को समाज का ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह प्रण लेना चाहिए, न भ्रष्टाचार करें, न करनें दें।
Answer:
⚘ उत्तर :-
❑ भ्रष्टाचार का अर्थ :-
भ्रष्टाचार का सामान्य अर्थ होता है, भ्रष्ट या गलत आचरण अर्थात किसी शासकीय पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा निजी लाभ और हानि के दृष्टिकोण से उसे प्राप्त शक्तियों का दुरुपयोग ही भ्रष्टाचार है इसका सबसे प्रत्यक्ष रूप रिश्वत लेना है।
❑ भ्रष्टाचार क्या है :-
समाज में विभिन्न स्तरों और क्षेत्रों में कार्यरत व्यक्तियों से जिस निष्ठा एवं ईमानदारी की अपेक्षा की जाती है उसका न होना ही भ्रष्टाचार है।
समाज, सरकार और संस्था में लाभ के पद पाकर के उनसे किसी भी प्रकार का आर्थिक लाभ उठाने और नियम विरुद्ध कार्य करके अपने इष्ट मित्रों और परिवार जनों को लाभ पहुँचाने से लेकर अन्यायपूर्वक दूसरो को हानि पहूँचाने से लेकर अन्यायपूर्वक दूसरों को हानि पहुँचाने और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास करने आदि को भ्रष्टाचार के अन्तर्गत समझा जाना चाहिए।
मोटे तौर पर घूस लेना, पक्षपात करना, सार्वजनिक-धन एवं सम्पत्ति का दुरुपयोग करना स्वेच्छानुसार किसी को नियम विरुद्ध लाभ या हानि पहुँचाना आदि सभी भ्रष्टाचार हैं।
कंसल्टेंसी सर्विसेज द्वारा ग्राहकों को रोजगार का झांसा देकर फ्रॉड करना।
भ्रष्टाचार के कुछ मुख्य उदाहरण :-
- ● बैंकों के अधिकारियों द्वारा लोन पर कमीशन खाना।
- ● स्कूल व यूनिवर्सिटी द्वारा फर्जी मार्कशीट व फर्जी डिग्री जारी करना।
- ● बिना लाइसेंस के कंपनियां व कॉल सेंटर चलाना।
- ● खाद्य पदार्थों में मिलावट कर बेचना।
- ● पेट्रोल, डीजल व तेल में मिलावट करके बेचना।
- ● टैक्स न देना।
- ● वन के कर्मचारियों द्वारा जंगल की कीमती लकड़ियाँ बेचना।
- ● इंजीनियर अथवा ठेकेदार द्वारा भवन निर्माण में घटिया व सस्ता मटेरियल लगाना।
- ● फर्जी बिल बनाना।
- ● वकीलों द्वारा अपने क्लाइंट से जरूरत से ज्यादा फीस चार्ज करना।
- ● बिजली चोरी करना व बिजली के मीटर में गड़बड़ी करना ताकि बिल कम आये।
❑ भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय :-
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए गवर्नमेंट द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी कड़े कानून व नियम बनाकर उस पर स्वयं व जनता को अमल करना होगा। ऐसा नहीं हैं कि मात्र सरकार व सरकारी जॉब करने वाले ही भ्रष्ट हैं। वास्तव में जनता व निजी संस्थाओं में प्राइवेट जॉब करने वाले, बिजनेसमैन, शॉपकीपर, दूध में मिलावट करने वाले आदि सभी जगह बड़ी मात्रा में भ्रष्ट लोगों द्वारा भ्रष्टाचार किया जाता हैं।
भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय इस प्रकार हो सकते हैं –
- ● संसद व राज्य विधायिका द्वारा त्वरित गति से कार्य करने वाला कानून बनाये जाये।
- ● न्यायालय द्वारा सरकार व प्रशासन को आदेश करे कि भ्रष्ट लोगों व संस्थानों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
- ● पुलिस प्रशासन व अन्य एंटी-करप्सन टिम को सुधार, पर्याप्त संख्याबल एवं आधुनिक टेक्नोलॉजी युक्त संशाधनो की जरूरत।
- इंटरनेट के माध्यम से हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने की जरूरत।
- ● उन सभी लोगों पर सख्त कार्रवाई जो देश-विदेश से भ्रष्टाचार में सहायता प्रदान करते हैं।
- ● सरकार द्वारा सभी सरकारी व निजी संस्थानो, दुकानदार, बिजनेसमैन, डॉक्टर आदि को अपने यहाँ पर सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश जारी करे, जो सुचारु रुप से 24×7 कार्य करे।
- ● सभी कर्मचारियों का समय समय पर कार्य अवलोकन हो, ताकि पता चल पाए कौन कैसा कार्य कर रहा है।
- ● लोगो को सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाए।
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