भ्रष्टाचार मिटाओ, नया भारत बन ( निबंध स्टेप बाय स्टेप)
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भ्रष्टाचार हटाओ नया भारत बनाओ
आज के आधुनिक युग में व्यक्ति का जीवन अपने स्वार्थ तक सीमित होकर रह गया है। प्रत्येक कार्य के पीछे स्वार्थ प्रमुख हो गया है। समाज में अनैतिकता, अराजकता और स्वार्थ से युक्त भावनाओं का बोलबाला हो गया है। परिणामस्वरुप भारतीय संस्कृति और उसका पवित्र तथा नैतिक स्वरुप धुँधला-सा हो गया है। इसका एक कारण समाज में फैल रहा भ्रष्टाचार भी है। भ्रष्टाचार के इस विकराल रुप को धारण करने का सबसे बड़ा कारण यही है। इस अर्थ प्रधान युग में प्रत्येक व्यक्ति धन प्राप्त करने में लगा हुआ है। कमरतोड़ महंगाई भी इसका एक प्रमुख कारण है।
मनुष्य की आवश्यकताएँ बढ़ जाने के कारण वह उन्हें पूरा करने के लिए मनचाहे तरीकों को अपना रहा है। भारत के अंदर तो भ्रष्टाचार का फैलाव दिन-भर-दिन बढ़ रहा है। किसी भी क्षेत्र में चले जाएँ भ्रष्टाचार का फैलाव दिखाई देता है। भारत के सरकारी व गैर-सरकारी विभाग इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण हैं। आप यहाँ से अपना कोई भी काम करवाना चाहते हैं, बिना रिश्वत खिलाए काम करवाना संभव नहीं है। मंत्री से लेकर संतरी तक को आपको अपनी फाइल बढ़वाने के लिए पैसे का उपहार चढाना ही पड़ेगा। स्कूल व कॉलेज भी इस भ्रष्टाचार से अछूते नहीं है। बस इनके तरीके दूसरे हैं। गरीब परीवारों के बच्चों के लिए तो शिक्षा सरकारी स्कूलों व छोटे कॉलेजों तक सीमित होकर रह गई है। नामी स्कूलों में दाखिला कराना हो, तो डोनेशन के नाम पर मोटी रकम मांगी जाती है। बैंक जो की हर देश की अर्थव्यवस्था का आधार स्तंभ हैं, वे भी भ्रष्टाचार के इस रोग से पीड़ित हैं। आप किसी प्रकार के लोन के लिए आवेदन करें पर बिना किसी परेशानी के फाइल निकल जाए, यह तो संभव नहीं हो सकता।
देश की आंतरिक सुरक्षा का भार हमारे पुलिस विभाग पर होता। आए दिन यह समाचार आते-रहते हैं कि आमुक पुलिस अफसर ने रिश्वत लेकर एक गुनाहगार को छोड़ दिया। भारत को यह भ्रष्टाचार खोखला बना रहा है। हमें समाज में फन फैला रहे इस विकराल नाग को मारना होगा। सबसे पहले आवश्यक है प्रत्येक व्यक्ति के मनोबल को ऊँचा उठाना। प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए, अपने को इस भ्रष्टाचार से बाहर निकालना होगा। यही नहीं शिक्षा में कुछ ऐसा अनिवार्य अंश जोड़ा जाए। जिससे हमारी नई पीढ़ी प्राचीन संस्कृति तथा नैतिक प्रतिमानों को संस्कार स्वरुप लेकर विकसित हो। न्यायिक व्यवस्था को कठोर करना होगा तथा सामान्य ज्ञान को आवश्यक सुविधाएँ भी सुलभ करनी होगी। इसी आधार पर आगे बढ़ना होगा तभी इस स्थिति में कुछ सुधार की अपेक्षा की जा सकती है।
हम भारत को भ्रष्टाचार मुक्त कर सकते हैं अगर हम अपनी जिंदगी में सबसे पहले प्रयास करते हैं तो बाहरी लोग अगर हम किसी भी व्यक्ति को रिश्वत नहीं लेते हैं और उन्हें नहीं देते हैं तो हम एक पंक्ति में खड़े हो सकते हैं लेकिन हम कोशिश करते हैं कि हम अधिकारी को रिश्वत न करें और हमारा काम करें और चले जाओ | हमें सबसे पहले खुद को नियंत्रित करना चाहिए |
भ्रष्टाचार मिटाओ नया भारत बनाओ
भ्रष्टाचार अर्थात आचरण से भ्रष्ट पुरे देश की स्थति भ्रष्ट हो रही है I तभी तो ऐसे प्रश्न उठ खड़े हो रहे हैं क्यूंकि :
क) हर व्यक्ति दुसरे की नक़ल करने में अपने अकल को भी समाप्त करते जा रहा है I इसलिए उसकी असलियत क्या है वो भी समझ में नहीं आता I
ख)कोई पीड़ित व्यक्ति अपनी रक्षा के लिए अगर पुलिस की शरण में जाती है तो वहां लालच एवम भ्रष्टाचार के असुर बनकर कहदे हो जाते हैं मदद क्या करेंगे I
ग) चिकित्सा के क्षेत्र में देखें एक रोगी डॉ पे भरोसा करता है एक तो उसका इलाज तब तक नहीं शुरू होता है जब तक मुंहमांगे रुपये न उन्हें मिल जाएँ Iतब तक स्थिति गंभीर होती रहती है घर के लोग विनती करते रहते हैं की जल्दी देखिये हम पैसे का प्रभंद कर रहे हैं I एक घंटे में ज़मीन भी नहीं बिकती और रोगी हाथ से चला जाता है I अच्छे डॉ के होने के बावजूद भी मानवता सोती जा रही है Iइधर 10 रुपये की दवा 100 रुपये में दी जा रही है बताइए देश का क्या होगा ?
घ)बड़े बड़े उद्योगपति और की लालच में इतने बढ़ते जा रहे हैं कि मजदूरों के मजदूरी के पैसे काटकर वे अपने पैसे बढ़ा रहे हैं I
च)प्रत्येक मनुष्य को शिक्षा प्राप्त करने का बराबर अधिकार है कई सरकारी विद्यालय हैं जहाँ दोपहर में भोजन भी मिलता है लेकिण ऐसे विद्यालय भोजनालय बनकर रह जाते है विद्या पर कोई काम नहीं होता I बाकी निजी विद्यालय हैं जिसका खर्च उठाना सर्वसाधारण लोगों की बात नहीं है I और इतने अधिक पैसे वसूलते हैं वे लोग जहाँ मेधावी बच्चे का (अगर वे गरीब है )दाखिला हो ही नहीं सकता I फिर कैसे ज्ञान का प्रकाश भरा जाये I
छ)दो महीने की उम्र से लेकर 75 साल तक की महिला तक दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं क्यूँ ?
ज) नेता लोग चुनाव प्रचार में पानी कि तरह पैसे बहते हैं वोट बटोरते हैं लेकिन उन बेचारी जनता का क्या होता है I जनता कि स्थिति और बदत्तर होती जा रही है I सरकारी नौकरी उन्ही को हो रही है जो scst या obc हैं नहीं तो जिनके पास घुस देने के लिए पर्याप्त धन है I फिर साधारण लोग कहाँ जाएँ I
नया भारत बनाओ :
क)पहले हर व्यक्ति अपना आचरण सुधारे फिर भ्रष्टाचार कि बात करे एक एक व्यक्ति के सुधरने से ही संसार सुधर सकता है I भ्रष्टाचार जैसे शब्दों की बात ही नहीं रह जाएगी I
ख)जो जिस पद पर हैं उस पद की रक्षा इमानदारी से करें कोई पीड़ित पुलिस से रक्षा मांगने आती है तो धन का लोभ न करके उसकी विपत्ति को दूर करने का प्रयास करें I
ग) डॉ का धर्म सेवा धर्म होता है तो सबसे पहला धर्म उन्हें याद रखना चाहिए पहले ज़िन्दगी देखनी चाहिए उसके बाद रोगी के घर के पैसे और गरीब कभी भी बेईमानी नहीं कर सकता है I कम से कम उसके प्राण तो बच जायेंगे I
घ)मजदूरों के मजदूरी के पैसे न काटें और उसे भी सामान रूप से परिश्रम के पैसे मिलें जियो और जीने दो इन अधिकारों का हनन न हो I
च) सरकारी स्कूलों में भी अच्छे योग्य शिक्षकों की बहाली हो और भोजन के अतिरिक्त शिक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाए Iहो सके तो निजी विद्यालयों को हटाकर पूरी शिक्षा एक हो जाए Iकोई भी बच्चा अपने को कुंठाग्रस्त नहीं समझेगा और न तो सिर्फ पैसे वाले बच्चे ही पढाई का अधिकार प्राप्त करेंगे I ज्ञान प्राप्त करने का उचित अवसर मिलेगा I
छ) फिर से सपनों के भारत कि कल्पना को साकार करने की कोशिश की जाये और हर सम्बन्ध को उसी नज़र से देखा जाए ऐसा कोई कर्म क्यूँ करें जो आत्मग्लानी से मार डाले क्यूंकि इसके लिए तो कोई सर्कार दोषी नहीं है I
ज) नेता गण अपने आप को द्सेश की रक्षा के लिए ही समर्पित करे जैसे पहले के नेता थे I हमें भी सुनाने में ख़राब लगता है कि कितने घोटालों में एक से एक नेता कारगार में है I मन वचन कर्म में नेता समानता रखेंगे तभी नया भारत बन पायेगा I
"आओ भाई आओ बहना ,कदम से कदम मिला के चलना सही निति और स्वस्थ मार्ग पर भ्रष्टाचार मिटाते चलना II"