भारत-अमेरिका मतभेद के पाँच प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डालिए।
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अमेरिका में भारत की सॉफ्ट पॉवर का लक्ष्य सामरिक प्रकृति का है।
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भारत-अमेरिका संबंधों में भारतीय प्रवासियों का योगदान
क्रमांक नाम यू.एस में उपलब्धि
11. अजयपाल सिंह बंगा
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भारत और अमेरिका ने नागरिक परमाणु सहयोग के बारे में अंतिम समझौता (123 समझौता) करने की दिशा में अधिकांश मुद्दों पर सहमति बना ली है फिर भी कुछ मुद्दों पर मतभेद कायम हैं, जिन्हें दूर करने के लिए दोनों देश वार्ता जारी रखेंगे।
भारत और अमेरिका ने नागरिक परमाणु सहयोग के बारे में अंतिम समझौता (123 समझौता) करने की दिशा में अधिकांश मुद्दों पर सहमति बना ली है फिर भी कुछ मुद्दों पर मतभेद कायम हैं, जिन्हें दूर करने के लिए दोनों देश वार्ता जारी रखेंगे।अमेरिका के सहायक विदेशमंत्री निकोलस बर्न्स से तीन दिन की वार्ता के बाद विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने शनिवार को कहा कि हमने मतभेद पहले की तुलना में काफी कम करने में सफलता हासिल की है तथा आशा है कि 123 समझौता शीघ्र हो सकेगा। हालाँकि ऐसा कब होगा यह निश्चित रूप से कहना अभी संभव नहीं है।
भारत और अमेरिका ने नागरिक परमाणु सहयोग के बारे में अंतिम समझौता (123 समझौता) करने की दिशा में अधिकांश मुद्दों पर सहमति बना ली है फिर भी कुछ मुद्दों पर मतभेद कायम हैं, जिन्हें दूर करने के लिए दोनों देश वार्ता जारी रखेंगे।अमेरिका के सहायक विदेशमंत्री निकोलस बर्न्स से तीन दिन की वार्ता के बाद विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने शनिवार को कहा कि हमने मतभेद पहले की तुलना में काफी कम करने में सफलता हासिल की है तथा आशा है कि 123 समझौता शीघ्र हो सकेगा। हालाँकि ऐसा कब होगा यह निश्चित रूप से कहना अभी संभव नहीं है।मेनन ने इस बात का भी खुलासा नही किया कि किन मुद्दों पर सहमति हासिल कर ली गई है तथा असहमति के कौन से बिन्दु कायम हैं।
भारत और अमेरिका ने नागरिक परमाणु सहयोग के बारे में अंतिम समझौता (123 समझौता) करने की दिशा में अधिकांश मुद्दों पर सहमति बना ली है फिर भी कुछ मुद्दों पर मतभेद कायम हैं, जिन्हें दूर करने के लिए दोनों देश वार्ता जारी रखेंगे।अमेरिका के सहायक विदेशमंत्री निकोलस बर्न्स से तीन दिन की वार्ता के बाद विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने शनिवार को कहा कि हमने मतभेद पहले की तुलना में काफी कम करने में सफलता हासिल की है तथा आशा है कि 123 समझौता शीघ्र हो सकेगा। हालाँकि ऐसा कब होगा यह निश्चित रूप से कहना अभी संभव नहीं है।मेनन ने इस बात का भी खुलासा नही किया कि किन मुद्दों पर सहमति हासिल कर ली गई है तथा असहमति के कौन से बिन्दु कायम हैं।उन्होंने कहा- मुद्दे आपस में जुड़े हुए हैं और काफी जटिल हैं इसलिए अंतिम तस्वीर क्या बनेगी यह कहना अभी उचित नहीं होगा।
भारत और अमेरिका ने नागरिक परमाणु सहयोग के बारे में अंतिम समझौता (123 समझौता) करने की दिशा में अधिकांश मुद्दों पर सहमति बना ली है फिर भी कुछ मुद्दों पर मतभेद कायम हैं, जिन्हें दूर करने के लिए दोनों देश वार्ता जारी रखेंगे।अमेरिका के सहायक विदेशमंत्री निकोलस बर्न्स से तीन दिन की वार्ता के बाद विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने शनिवार को कहा कि हमने मतभेद पहले की तुलना में काफी कम करने में सफलता हासिल की है तथा आशा है कि 123 समझौता शीघ्र हो सकेगा। हालाँकि ऐसा कब होगा यह निश्चित रूप से कहना अभी संभव नहीं है।मेनन ने इस बात का भी खुलासा नही किया कि किन मुद्दों पर सहमति हासिल कर ली गई है तथा असहमति के कौन से बिन्दु कायम हैं।उन्होंने कहा- मुद्दे आपस में जुड़े हुए हैं और काफी जटिल हैं इसलिए अंतिम तस्वीर क्या बनेगी यह कहना अभी उचित नहीं होगा।उधर विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने मेनन की आशावादिता को दोहराते हुए कहा- परमाणु वार्ताओं में कोई गतिरोध नहीं है। वार्ता चल रही है। शीघ्र ही कुछ नतीजा निकलेगा।
भारत और अमेरिका ने नागरिक परमाणु सहयोग के बारे में अंतिम समझौता (123 समझौता) करने की दिशा में अधिकांश मुद्दों पर सहमति बना ली है फिर भी कुछ मुद्दों पर मतभेद कायम हैं, जिन्हें दूर करने के लिए दोनों देश वार्ता जारी रखेंगे।अमेरिका के सहायक विदेशमंत्री निकोलस बर्न्स से तीन दिन की वार्ता के बाद विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने शनिवार को कहा कि हमने मतभेद पहले की तुलना में काफी कम करने में सफलता हासिल की है तथा आशा है कि 123 समझौता शीघ्र हो सकेगा। हालाँकि ऐसा कब होगा यह निश्चित रूप से कहना अभी संभव नहीं है।मेनन ने इस बात का भी खुलासा नही किया कि किन मुद्दों पर सहमति हासिल कर ली गई है तथा असहमति के कौन से बिन्दु कायम हैं।उन्होंने कहा- मुद्दे आपस में जुड़े हुए हैं और काफी जटिल हैं इसलिए अंतिम तस्वीर क्या बनेगी यह कहना अभी उचित नहीं होगा।उधर विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने मेनन की आशावादिता को दोहराते हुए कहा- परमाणु वार्ताओं में कोई गतिरोध नहीं है। वार्ता चल रही है। शीघ्र ही कुछ नतीजा निकलेगा।बर्न्स ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से शिष्टाचार भेंट की तथा भारत-अमेरिका संबंधों के व्यापक रूप पर विचार विमर्श किया।