भारत भूमि की विशिष्टता पर वर्णन कीजिए
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पूरी तरह उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत की मुख्यभूमि 8 डिग्री 4 मिनट और 37 डिग्री 6 मिनट उत्तरी अक्षांश और 68 डिग्री 7 मिनट तथा 97 डिग्री 25 मिनट पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है । उत्तर से दक्षिण तक इसकी अधिकतम लंबाई 3,214 कि. मी. और पूर्व से पश्चिम तक अधिकतम चौड़ाई 2,933 कि.
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Helloभारत मानव जाति के विकास का उद्गम स्थल तथा मानव बोली का जन्म स्थान है और साथ ही साथ यह देश गाथाओं एवमं् प्रचलित परंपराओं का कर्मस्थल तथा इतिहास का जनक है। केवल भारत में ही मानव इतिहास की हमारी सबसे मूल्यवान और शिक्षाप्रद सामग्री खजाने के रूप में सहेजी गई है।
-मार्क ट्वैन
संसार की प्राचीन एवं महान सभ्यता में भारतीय संस्कृति और सभ्यता बेमिसाल है। यह उत्तर में हिमालय की हिमाच्छादित चोटियों से लेकर दक्षिण के ऊष्णकटिबंधीय सघन वनों तक, पूर्व में उपजाऊ ब्रह्मपुत्र घाटी से लेकर पश्चिम में थार के मरूस्थल तक 32,87,2631 वर्ग कि.मी. में फैला हुआ है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पिछले 62 वर्षों के दौरान हमारे देश ने सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से बहु आयामी प्रगति की है। भारत इस समय खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है; तथा विश्व के औद्योगिक क्षेत्र में इसका दसवां स्थान है। जनहित के लिए प्रकृति पर विजय पाने हेतु अंतरिक्ष में जाने वाले देशों में इसका छठा स्थान है। विश्व के इस सातवें विशालतम् देश को पर्वत तथा समुद्र शेष एशिया से अलग करते हैं, जिससे इसका अलग भौगोलिक अस्तित्व है। इसके उत्तर में महान हिमालय पर्वत है, जहां से यह दक्षिण में बढ़ता हुआ कर्क रेखा तक जाकर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर के बीच हिंद महासागर से जा मिलता है।
यह पूर्णतया उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। इसकी मुख्य भूमि 804” और 3706” उत्तरी अक्षांश और 6807” और 97025” पूर्वी देशांतर के बीच फैली हुई है। इसका विस्तार उत्तर से दक्षिण तक 3,214 कि.मी. और पूर्व से पश्चिम तक 2,933 कि.मी. है। इसकी भूमि सीमा लगभग 15,200 कि.मी. है। मुख्य भूमि, लक्षद्वीप समूह और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के समुद्र-तट की कुल लंबाई 7,516.6 कि.मी. है।