भारत छोड़ो आंदोलन में माताgini नी हाजरा की क्या भूमिका थी
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भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में यूं तो बहुत सी महिलाओं ने अपना योगदान दिया था। जिनमें से हम महिला स्वतंत्रता सेनानियों के नाम तक नहीं जानते हैं, उनमें से एक थी मातंगिनी हाजरा। उन्हें सम्मान से ‘गांधी बूढ़ी’ और बंगाल की ‘ओल्ड लेडी गांधी’ नाम से पुकारा जाता है। उन्होंने देश की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान किया था।
वर्ष 1935 में तामलुक क्षेत्र भीषण बाढ़ के कारण हैजा और चेचक फैल गया। जिससे निपटने के लिए मातंगिनी ने अपनी जान की परवाह किए बैगर राहत कार्य में जुट गई। उन्होंने वर्ष 1942 में गांधीजी द्वारा चलाए गए ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लिया।
इस आंदोलन के समय हाजरा की उम्र 71 वर्ष थी। 8 सितंबर को तामलुक में प्रदर्शनकारियों पर पुलि ने गोली चला दी जिसमें तीन स्वतंत्रता सेनानी मारे गए। लोगों ने इसके विरोध में 29 सितंबर को ओर भी बड़ी रैली निकालने का निश्चय किया। उन्होंने 6 हजार समर्थकों के साथ, जिनमें ज्यादातर महिला स्वयंसेवक थी, के जुलूस का नेतृत्व किया।