English, asked by atiullahansari, 2 months ago

भारत एक गौरवशाली प्राचीन राष्ट्र है। प्राचीन काल में हम संपन्न थे। देश में धन-धान्य की प्रचुरता थी। वृक्षों में फूल
और फल लदे रहते थे तथा नदियों में स्वच्छ जल बहता था। लोगों में प्रेम व सौहार्द्र था। सभी एक-दूसरे के सुख-दुःख में
भागीदार थे। स्वतंत्रता के अरसठ वर्ष बाद भी आज हम पूर्णतया सुखी नहीं हैं। हमारी बढ़ती हुई जनसंख्या और सांप्रदायिक
दंगे प्रमुख समस्यायें हैं। हमें ही उन्हें सुलझाना है। जब तक प्रत्येक देशवासी इसके लिये प्रयल नहीं करेगा, तब तक समस्या
सुलझ नहीं सकती। आइये हम सब प्रतिज्ञा करें कि हम देश में शांति, समृद्धि व सुख लाने का हर प्रकार से प्रयत्ल करेंगे और
भारत को पुनः 'विश्व गुरु' व 'सोने की चिड़िया' के गौरव से विभूषित करेंगे। ​

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Answered by dilpreetsinghdmk2008
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Answer:

देश में भान - धान्य की प्रचुरता थी। वृक्षों में फूल और फल और नदियों में स्वच्छ जल रहा था। लोगों में प्रेम व सौहार्द था। ... आइये, हम सब प्रतिज्ञा करें कि हम देश में शान्ति, समृद्धि व सुख लाने का हर प्रकार से प्रयत्न करेंगे और भारत को पुनः: विश्वगुरु 'व' सोने की चिड़िया के गौरव से विभूषित करेंगे

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