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भारत एवं कनाडा के मध्य संघवाद के विभिन्न आयामों की तुलना...
भारत और कनाडा के संविधान की तुलना इस प्रकार है...
लिखित व कठोर संविधान — भारत और कनाडा दोनों के संविधान पूर्णता लिखित हैं और कठोर संविधान हैं। भारत के संविधान में कुछ ऐसे प्रावधान हैं जो साधारण बहुमत से संशोधित किए जा सकते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे प्रावधान भी हैं जिन्हें संशोधित करने के लिए भारी बहुमत की आवश्यकता होती है और आधे राज्यों की सहमति भी आवश्यक है। कनाडा के संविधान में भी इसी तरह की जटिल प्रक्रिया है और कनाडा के संविधान में बहुत से प्रावधान है ऐसे हैं, जिनमें संशोधन के लिए सभी राज्यों की सहमति आवश्यक होती है।
केंद्रीय संघवाद — भारत और कनाडा दोनों के संविधान में केंद्र को अधिक शक्ति प्रदान की गई है अर्थात राज्यों के मुकाबले केंद्र को ज्यादा शक्तियां दी गई है और बहुत से महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेने का अधिकार केंद्र के पास ही है।
उच्च सदन की संरचना — भारत में उच्च सदन को राज्यसभा कहा जाता है, जबकि कनाडा के संविधान में उच्च सदन को सीनेट कहा जाता है। इस तरह दोनों दोनों के संविधान के उच्च सदन की संरचना में बहुत ज्यादा फर्क है।
संघवाद में अंतर भारत में जो संघवाद व्यवस्था अपनाई गई है वह कनाडा के संविधान की तुलना में अधिक बेहतर है।
धन विधेयक संबंधी अधिकार — भारत के संविधान में धन विधेयक के मामले में भारता के उच्च सदन राज्यसभा को कोई विशेष अधिकार नहीं है, सीधे लोकसभा से धन विधेयक पास किया जा सकता है। कनाडा के संविधान वहाँ के उच्च सदन सीनेट को धन विधेयक के संबंध में पर्याप्त शक्ति दी गयी है और उच्च सदन चाहे तो धन विधेयक को रोक सकता है।
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