भारत जैसे जनसंख्या बाहुल्य देश में कोरोना वायरस पर सरकारी विज्ञापन अपने उद्देश्य पूर्ति में कहाँ तक सहायक सिद्ध होते हैं
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कोरोना वायरस पर सरकारी विज्ञापन की सहायकता।
Explanation:
- भारत जैसे जनसंख्या बाहुल्य देश में कोरोना वायरस पर सरकारी विज्ञापन अपने उद्देश्य पूर्ति में कुछ हद तक सहायक सिद्ध होते हैं।
- इन विज्ञापनों के द्वारा लोगों को कोरोना बीमारी और उससे लड़ने के उपायों के बारे में जानकारी मिलती है। परंतु, भारत के जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है जिसके पास दूरदर्शन, रेडियो, समाचार पत्र ऐसे संचार के साधन उपलब्ध नही है।
- इस वजह से उनको कोरोना वायरस पर चलाए गए सरकारी विज्ञापनों के बारे में जानकारी नही मिल पाती।
- इसके कारण उन्हें कोरोना बीमारी से लड़ने के उपायों के बारे में ठीक तरीके से पता नही चल पाता और उनमें कोरोना बीमारी से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है।
- इस प्रकार विज्ञापन अपने उद्देश्य पूर्ति में कुछ हद तक असफल होते है।
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कोरोना वायरस पर सरकारी विज्ञापन की सहायकता।
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भारत जैसे जनसंख्या बाहुल्य देश में कोरोना वायरस पर सरकारी विज्ञापन अपने उद्देश्य पूर्ति में कुछ हद तक सहायक सिद्ध होते हैं।
इन विज्ञापनों के द्वारा लोगों को कोरोना बीमारी और उससे लड़ने के उपायों के बारे में जानकारी मिलती है। परंतु, भारत के जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है जिसके पास दूरदर्शन, रेडियो, समाचार पत्र ऐसे संचार के साधन उपलब्ध नही है।
इस वजह से उनको कोरोना वायरस पर चलाए गए सरकारी विज्ञापनों के बारे में जानकारी नही मिल पाती।
इसके कारण उन्हें कोरोना बीमारी से लड़ने के उपायों के बारे में ठीक तरीके से पता नही चल पाता और उनमें कोरोना बीमारी से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है।
इस प्रकार विज्ञापन अपने उद्देश्य पूर्ति में कुछ हद तक असफल होते है।
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