Hindi, asked by Justinmayank, 11 months ago

भारत को आजादी मिलने के बाद अगस्त 15, 1947 को जम्मू और कश्मीर भी आजाद हो गया था. भारत की स्वतन्त्रता के समय राजा हरि सिंह यहाँ के शासक थे, जो अपनी रियासत को स्वतन्त्र राज्य रखना चाहते थे. लेकिन 20 अक्टूबर, 1947 को पाकिस्तान समर्थित ‘आजाद कश्मीर सेना’ ने पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर कश्मीर पर आक्रमण कर दिया और काफी हिस्सा हथिया लिया था. 

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⇒ Article 370: A Constitutional History of Jammu and Kashmir OIP

⇒ Article 370 And Economy of Jammu And Kashmir

⇒ The Kashmir Dispute 1947-2012

इस परिस्थिति में महाराजा हरि सिंह ने जम्मू & कश्मीर की रक्षा के लिए शेख़ अब्दुल्ला की सहमति से जवाहर लाल नेहरु के साथ मिलकर 26 अक्टूबर 1947 को भारत के साथ जम्मू & कश्मीर के अस्थायी विलय की घोषणाकर दी और "Instruments of Accession of Jammu & Kashmir to India" पर अपने हस्ताक्षर कर दिये.

इस नये समझौते के तहत जम्मू & कश्मीर ने भारत के साथ सिर्फ तीन विषयों: रक्षा, विदेशी मामले और संचार को भारत के हवाले कर दिया था. समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत सरकार ने वादा किया कि “'इस राज्य के लोग अपने स्वयं की संविधान सभा के माध्यम से राज्य के आंतरिक संविधान का निर्माण करेंगे और जब तक राज्य की संविधान सभा शासन व्यवस्था और अधिकार क्षेत्र की सीमा का निर्धारण नहीं कर लेती हैं तब तक भारत का संविधान केवल राज्य के बारे में एक अंतरिम व्यवस्था प्रदान कर सकता है.

इस प्रतिबद्धता के साथ आर्टिकल 370 को भारत के संविधान में शामिल किया गया था. जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जम्मू&कश्मीर राज्य के संबंध में ये प्रावधान केवल अस्थायी हैं. इन प्रावधानों को 17 नवंबर 1952 से लागू किया गया था.

जम्मू एवं कश्मीर के संविधान की क्या विशेषताएं हैं?

आर्टिकल 370 जम्मू&कश्मीर के नागरिकों को निम्न अधिकार और सुविधाएँ देता है?

1. जम्मू & कश्मीर; भारतीय संघ का एक संवैधानिक राज्य है किन्तु इसका नाम, क्षेत्रफल और सीमा को केंद्र सरकार तभी बदल सकता है जब जम्मू & कश्मीर की राज्य सरकार इसकी अनुमति दे.

2. इस आर्टिकल के अनुसार रक्षा, विदेशी मामले और संचार को छोड़कर बाकी सभी कानून को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को राज्य से मंजूरी लेनी पड़ती है.

3. इसी आर्टिकल के कारण जम्मू & कश्मीर का अपना संविधान है और इसका प्रशासन इसी के अनुसार चलाया जाता है ना कि भारत के संविधान के अनुसार.

4. जम्मू & कश्मीर के पास 2 झन्डे हैं. एक कश्मीर का अपना राष्ट्रीय झंडा है और भारत का तिरंगा झंडा यहाँ का राष्ट्रीय ध्वज है.



5. देश के दूसरे राज्यों के नागरिक इस राज्य में किसी भी तरीके की संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं. अर्थात इस राज्य में संपत्ति का मूलभूत अधिकार अभी भी लागू है.

6. कश्मीर के लोगों को 2 प्रकार की नागरिकता मिली हुई है; एक कश्मीर की और दूसरी भारत की.

7. यदि कोई कश्मीरी महिला किसी भारतीय से शादी कर लेती है तो उसकी कश्मीरी नागरिकता ख़त्म हो जाती हैलेकिन यदि वह किसी पाकिस्तानी से शादी कर लेती है तो उसकी कश्मीरी नागरिकता पर कोई फर्क नहीं पड़ता है.

8. यदि कोई पाकिस्तानी लड़का किसी कश्मीरी लड़की से शादी कर लेता है तो उसको भारतीय नागरिकता भी मिल जाती है.

9. सामान्यतः ऐसा होता है कि जब कोई भारतीय नागरिक भारत के किसी राज्य को छोड़कर किसी अन्य देश की नागरिकता ले लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता खत्म हो जाती है. लेकिन जब कोई जम्मू & कश्मीर का निवासी पाकिस्तान चला जाता है और जब कभी वापस जम्मू & कश्मीर आ जाता है तो उसको दुबारा भारत का नागरिक मान लिया जाता है.

10. भारतीय संविधान के भाग 4 (राज्य के नीति निर्देशक तत्व) और भाग 4 A (मूल कर्तव्य) इस राज्य पर लागू नहीं होते हैं. अर्थात इस प्रदेश के नागरिकों के लिए महिलाओं की अस्मिता, गायों की रक्षा और देश के झंडे इत्यादि का सम्मान करना जरूरी नहीं है.

11. जम्मू एंड कश्मीर में भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों (राष्ट्रगान, राष्ट्रीय ध्वज इत्यादि) का अपमान करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है.

12. आर्टिकल 370 के कारण ही केंद्र; राज्य पर वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) जैसा कोई भी कानून नहीं लगा सकता है. अर्थात यदि भारत में कोई वित्तीय संकट आता है और भारत सरकार वित्तीय आपातकाल की घोषणा करती है तो इसका जम्मू & कश्मीर राज्य पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

13. भारत के संविधान में किसी प्रकार का संशोधन जम्मू & कश्मीर पर स्वतः लागू नहीं होता है जब तक कि इसे राष्ट्रपति के विशेष आदेश द्वारा लागू करने की अनुमति ना दी जाये.

14. केंद्र; जम्मू & कश्मीर पर केवल दो दशाओं: युद्ध और बाहरी आक्रमण के मामले में ही राष्ट्रीय आपातकाल लगा सकता है.

15. यदि भारत में आंतरिक गड़बड़ी के कारण राष्ट्रीय आपातकाल लगा दिया जाता है तो इसका प्रभाव जम्मू & कश्मीर पर नहीं पड़ता है. हालाँकि जम्मू & कश्मीर की राज्य सरकार की मंजूरी के बाद ही इसे राज्य में लागू किया जा सकता है.

16. केंद्र सरकार; जम्मू & कश्मीर राज्य के अंदर की गड़बड़ियों के कारण वहां राष्ट्रीय आपातकाल नहीं लगा सकता है, उसे ऐसा करने से पहले राज्य सरकार से मंजूरी लेनी होगी.

17. इस राज्य की सरकारी नौकरियों में सिर्फ इस राज्य के परमानेंट नागरिक ही सिलेक्शन ले सकते हैं इसके अलावा यहाँ राज्य की स्कॉलरशिप भी यहाँ के लोकल लोगों को ही मिलती हैं.

Answers

Answered by sazid146
0

Answer:

sahi hai bhai

thanks for

Answered by sudarshan9117
0

Answer:

thank you friend for your guidance because I was confused about the article 370

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